निरमंड में हिंदी-पहाड़ी पर सजी गोष्ठी

By: Jun 16th, 2017 12:05 am

आनी – आनी निरमंड में स्थित डे केयर सेंटर में क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों व युवा कवियों के लिए हिम संस्कृति संस्था एवं जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग कुल्लू के तत्त्वावधान में कवि सम्मेलन व निरमंड के इतिहास पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। हिम संस्कृति के सचिव लीलाचंद जोशी ने बताया कि कवि सम्मेलन का शुभारभं खंड चिकित्सा अधिकारी निरमंड डा. संजय आनंद ने दीप जलाकर किया गया। कार्यक्रम के पहले सत्र में कवि सम्मेलन का आगाज कवि कंशलानंद भारद्वाज ने किया देव धरती है। हिमाचल हमारा, अपनी संस्कृति अपने गीत कविता सुनाई कवि के एन शास्त्री ने भगवान परशुराम की महिमा बारे कविता पाठ किया। साहित्कार कृष्णानंद ने देश के वीरों को मेरा सलाम, राणा प्रताप जैसे शूरवीर है इस देश में, कवि नीरज शर्मा ने परीक्षा आई हम हुए बैचेन, उत्तर-प्रश्न के झंझट में जबानी गई बीत, हेतराम ने राष्ट्रभाषा हिंदी में करे सब काम, यही है हिंदी का नाम, डा. रमेश ने पहाड़ी भाषा है क्या हम सबको नहीं ज्ञान,अपनी भाषा अपनी पहचान, कुमारी रजना ने कब तक रोता रहेगा इनसान, कविता प्रस्तुत की गई। कवित्रि त्रिलोका देवी ने अंबिका देवी भवानी तेरी जय कारा हो, लीलाचंद ने हम है सुदामा तुम हो कृष्ण कविता पाठ किया। श्याम दीवान ने देवभूमि निरमंड के इतिहास पर शोधपत्र प्रस्तुत किया। इसी कवि सम्मेलन में भजनादेवी, अशोक कुमार, हरदयाल, योगराज, गुलेश्वरी शर्मा, शिवराज शर्मा, राजेंद्र कुमार, आईटीआई की छात्रा रंजना कुमारी, , बबीता, सुरेखा वर्मा, अक्षय कुमार, देवीसिंह, सुरेश कुमार, सहित 50 कवियों ने अपनी कविता प्रस्तुत की। कार्यक्रम के मुख्यातिथि बीएमओ निरमंड डा. संजय आनंद ने कवि सम्मेलन व सहित्यक गोष्ठी के समापन अवसर पर कहा कि कला संस्कृति साहित्य के आयोजन में सभी ने बेहतरीन कविता पाठ किया है। उन्होंने कहा कि हम सबको अपनी संस्कृति की पहचान बनानी है कवि सम्मेलन के आयोजन में सभी का धन्यावाद किया गया।

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