पवित्र बावड़ी में पशुओं की गंदगी

By: Jun 14th, 2017 12:10 am

newsगरली —  गरली के निकटवर्ती विश्व विख्यात प्राचीन ऐतिहासिक शक्तिपीठ कालेश्वर महादेव मंदिर में लाखों रुपए का चढ़ावा चढ़ने के बावजूद यहां प्रतिदिन अलग-अलग प्रांतों से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु व्यवस्था पूर्ण रूप से चरमरा चुकी हैं। जन विकास कल्याण मचं टैहला गरली के चेयरमैन एवं हाई कोर्ट शिमला मे तैनात वरिष्ठ एडवोकेट अशोक ठाकुर ने मंदिर कमेटी प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यहां प्रचीन कालीनाथ मंदिर परिसर में भक्तों को पीने के पानी के लिए पवित्र बावड़ी बनी है। इसका रखरखाव सही ढंग से न होने के कारण गंदा पानी मुहैया करवाया जा रहा है। अशोक ठाकुर का आरोप है कि इस ओपन पेयजल के ऊपर कोई लोहे का जाला न होने की वजह से यहां पर आवारा पशु पानी पी रहे हैं। साथ ही कई श्रद्धालु इस बावड़ी के ऊपर अपने जूठे बरतन व गाडि़यों को धो रहे हैं और यही पानी कई अनजान श्रद्धालु पीने के लिए प्रयोग कर रहे हैं। इतना ही नहीं, यहां ब्यास की ओर पौढि़यां बनाई गई हैं। वहीं, विभागीय प्रशासन ने कहीं भी पौढि़यों के किनारे लोहे की रेलिंग नहीं लगाई है। अचानक कोई भी यहां पौढि़यों से नीचे ब्यास की ओर उतरते वक्त गहरे पानी में गिर सकता है। मंदिर परिसर में बने शौचालय गंदगी से भरे पडे़ हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इतने बडे़ ऐतिहासिक शक्तिपीठ कालेश्वर महादेव मंदिर में सफाई व्यवस्था को लेकर पुख्ता तौर पर एक भी कर्मी नहीं लगाया गया है। जन विकास कल्याण मंच टैहला गरली के चेयरमैन अशोक ठाकुर ने मंदिर कमेटी प्रशासन व जिलाधीश कांगड़ा से मांग की है कि यहां व्यवस्था को शीघ्र सुधारा जाए नहीं, तो मजबूरन इस जनहित कार्य के लिए हाई कोर्ट शिमला का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। इस संदर्भ में मदिर कमेटी अध्यक्ष एवं एसडीएम देहरा मलोक सिंह ठाकुर ने बताया कि सुप्रसिद्ध प्राचीन ऐतिहासिक शक्तिपीठ कालेश्वर महादेव मंदिर परिसर मे पेयजल को इस तरह दूषित करना ठीक नहीं है। अभी यह बात ध्यान में आई है। मंदिर कमेटी प्रशासन शीघ्र इस पर कार्रवाई करेगा।

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