पाक के ‘नापाक’ मंसूबे

By: Jun 3rd, 2017 12:05 am

(केसी शर्मा, सूबेदार मेजर (रि.), गगल)

पाकिस्तान के मंसूबे सही नहीं है। पाकिस्तान और पाकिस्तान द्वारा पाला- पोसा आंतकवाद दोनों मिल कर जम्मू-कशमीर में अशांति फैलाने में लगे हैं। यही मेल- जोल हमारी सेना की दिक्कतें बढ़ा रहा है। प्रतिदिन हम अपने कंधों पर  अपने जवानों की लाशें ढो रहे हैं। हमारी केंद्र सरकारें पाकिस्तान से शांति वार्ता की इछा जताती रहीं, लेकिन पाकिस्तान ने किसी न किसी बहाने से शांति वार्ता का माहौल नहीं बनने दिया और पाकिस्तान अपने मंसूबों को पूरा करने में लगा रहा। जब हमें पाकिस्तान की मंशा ज्ञात है, तो हमें भी अपनी भीतरी और बाहरी सुरक्षा मजबूत करनी होगी। जम्मू-कश्मीर की सरकार सक्षम नहीं है। जो प्रदेश के हालात को काबू में रखे। आवाम धीरे-धीरे पाकिस्तान के समर्थन में उतरने लगी है। यह हकीकत घाटी की सरकार को मालूम है। दो विचारधारा से बंधी है घाटी की सरकार। केंद्र को राजनीति से ऊपर उठकर कश्मीर घाटी में शांति बहाली के लिए उपाय करने चाहिए। कश्मीर पर राजनीति बहुत हो चुकी। इसी राजनीति ने इसका हल नहीं निकलने  दिया। देश की जनता अब इस समस्या का वास्तविक  हल चाहती है, ताकि देश का और ज्यादा नुकसान न हो। सेना को भी सरकार अगर कुछ हद तक फ्रीहैंड कर दे, तो हालात सुधर सकते हैं। क्या सरकार को नहीं दिखता कि सीमा पर रहने वाले बंकरों में जिंदगी गुजार रहे हैं।

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