प्रदेश के होनहार सेना में अफसर

By: Jun 12th, 2017 12:03 am

चंबा के अभय जम्मू में देंगे ड्यूटी

newsचंबा —  चंबा के सुल्तानपुर मोहल्ले के अभय राणा ने भारतीय सेना में कमीशन पास करके लेफ्टिनेंट के पद पर तैनाती पाई है। अभय राणा पहली पोस्टिंग के तौर पर जम्मू में कार्यभार संभालेंगे। अभय राणा ने शनिवार को आफिसर ट्रेनिंग अकादमी देहरादून की पासिंग परेड में शामिल होने के बाद सेना में अधिकारी का पद पाया है। इस मौके पर अभय राणा के पिता राज सिंह राणा व माता बिमला देवी भी विशेष तौर से मौजूद रहे। सुल्तानपुर मोहल्ले की राणा कालोनी के अभय राणा ने आरंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय करियां से हासिल की। मॉडल कालेज चंडीगढ़ में स्नातक व इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद बंगलूर में मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब भी किया। इसी बीच अभय राणा ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद का कमीशन पास कर अपने बचपन के सपने को हकीकत का रंग दिया। देहरादून में ट्रेनिंग करने के बाद अभय राणा अब सेना में लेफ्टिनेंट पद पर अपनी सेवाएं देंगे। अभय राणा के पिता राज सिंह राणा दमकल विभाग से फायर आफिसर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि माता बिमला देवी एनएचपीसी में कार्यरत हैं।  अभय राणा की इस कामयाबी पर चंबा शहर व परिजनों में हर्ष का माहौल है। अभय राणा ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और बहनों को दिया है।

पूरा हुआ अर्की के पीयूष का सपना

newsशिमला   —  हिमाचल से लेफ्टिनेंट बने 21 युवकों में से एक पीयूष ठाकुर भी शामिल हैं। पीयूष मूलतः सोलन के अर्की के ढढल गांव के रहने वाले हैं। इनकी आरंभिक शिक्षा शिमला में हुई है। शिमला के बीएसएन चक्कर स्कूल से 10वीं करने के बाद उन्होंने 2013 में सेंटर थॉमस स्कूल से 12वीं पास की। उन्होंने 2010 से लेकर 2013 तक कोचिंग भी ली। 2013 में ही पीयूष का चयन नेशनल डिफेंस एकेडमी पुणे के लिए हुआ और यहां पर तीन साल तक प्रशिक्षण लेने के बाद एक साल तक इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून में प्रशिक्षण प्राप्त किया। 10 जून को देहरादून से पासआउट परेड के बाद पीयूष को बंगलूर में नियुक्ति दी गई है। पीयूष ने सेना में अफसर बनकर न सिर्फ अपने, बल्कि अपने माता-पिता के सपने को भी पूरा किया है। पीयूष के पिता सुरेंद्र ठाकुर बिजली बोर्ड में लिपिक के पद पर कार्यरत हैं, जबकि उनकी माता यशोधा देवी गृहिणी हैं। पीयूष के कामयाबी इसलिए भी मायने रखती है, क्योंकि उनका परिवार एक ग्रामीण इलाके से संबंध रखता है और उस इलाके में अभी तक सेना में इतने बड़े ओहदे तक कोई नहीं पहुंचा है। पीयूष अपनी इस उपलब्धि के लिए अपने माता-पिता को श्रेय देते हैं। वहीं, चक्कर में उनके पड़ोस में रहने वाले डा. नवनीत को भी अपनी इस उपलब्धि का श्रेय दे रहे हैं। नवनीत ने ही पीयूष को सेना में जाने के लिए गाइडेंस दी।

मलां के अजय बने लेफ्टिनेंट

newsनगरोटा बगवां – मूलतः पालमपुर उपमंडल के रझूं तथा वर्तमान में ग्राम पंचायत मलां की ऊपली मझेटली के रहने वाले अजय भारद्वाज ने आखिर 35 साल की उम्र में लेफ्टिनेंट का तमगा अपने नाम कर लिया। हरियाणा से बीएससी बीएड कर सेना में 2004 में पांव जमा चुके अजय भारद्वाज ने 13 साल बाद कमीशन प्राप्त कर अपने सपनों को साकार किया। हालांकि इससे पहले वह सेना की शिक्षा कोर में अपनी सेवाएं बखूबी प्रदान कर रहे थे, लेकिन अपने पिता नानक सिंह और मां रजनी देवी से मिली प्रेरणा से उन्होंने सेना में अधिकारी का पद पाने को अपना लक्ष्य बनाया, जिसे 10 जून को पूरा कर समूचे परिवार को खुशियों की सौगात प्रदान की । अजय भारद्वाज आफिसर ट्रेनिंग अकादमी गया से एक साल का प्रशिक्षण प्राप्त कर शनिवार को पासआउट हुए, वह अब बंगाल इंजीनियर में बतौर लेफ्टिनेंट अपनी सेवाएं देंगे।

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