प्रदेश में 2581 वनरक्षक निहत्थे
बिना हथियार वनों में जान हथेली पर रख कर दे रहे ड्यूटी
मंडी— प्रदेश में वन संपदा की रक्षा करने वाले 2581 वन रक्षक निहत्थे हैं। वन रक्षक दिन-रात वनों में बिना हथियारों के ड्यूटी दे रहे हैं। विभाग ने वन रक्षकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हथियार का प्रावधान नहीं किया है, जिसके चलते वन रक्षकों को वनों में ड्यूटी देने में भारी परेशानी से गुजरना पड़ रहा है। वन काटुओं और जंगली जानवरों से बचाव करने के लिए खतरों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं प्रत्येक वन बीट पर ही वन रक्षक तैनात किया गया है, जो मीलों तक वनों की रक्षा के लिए बिना हथियार के पैनी नजर रख रहा है। करसोग, नाचन, थाची, पनारसा सहित अन्य क्षेत्रों मेें वन रक्षक बिना हथियार के देवदार के जंगलों को बचाने में ड्यूटी रहे हैं। इतना ही नही प्रदेश के विभिन्न क्ष्ेत्रों में वन काटू अवैध कटान करने के लिए वनरक्षकों पर हमला कर चुके हैं। इसमें करसोग क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान लापता वनरक्षक का शव पेड़ पर लटका मिला है। वहीं, गत वर्ष सुंदरनगर क्षेत्र में वन काटुओं ने एक वनरक्षक को तेज हथियार से हमला करके लहूलुहान कर दिया था। उक्त घटनों के बावजूद वनरक्षक निहत्थे ही ड्यूटी देने को मजबूर हैं। प्रदेश वन अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ मंडी के प्रदीप ठाकुर ने कहा कि वनों में ड्यूटी देते समय बिना हथियार के काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। प्रदेश वन अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ हथियारों की व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार व वन विभाग से मांग कर चुका है।
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