प्ले-वे स्कूलों को पीछे छोड़ेगी हर आंगनबाड़ी

By: Jun 28th, 2017 12:10 am

newsधर्मशाला— अब प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्र भी स्मार्ट बन सकेंगे। महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रदेश में नई मुहिम शुरू कर दी है। इसके तहत राज्य में 19 हजार 925 केंद्रों में से पहले चरण में 1802 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र भी तैयार कर लिए गए हैं। अब इसी तर्ज पर प्रदेश के सभी 18 हजार के करीब आंगनबाड़ी केंद्रों को भी विकसित किया जाएगा। अत्याधुनिक तरीके से एजुकेशन और हाईटेक खिलौनों से पूर्वशाला शिक्षा का स्वरूप बदल जाएगा, जिससे अब महंगे प्ले स्कूलों को सरकारी आंगनबाड़ी केंद्र टक्कर दे सकेंगे। ऐसे में लोगों को अपने बच्चों को प्ले स्कूलों में भेजने की बजाय आंगनबाड़ी केंद्रों में भेजने में फिर से रुझान जाग सकेगा। आंगनबाड़ी केंद्रों में बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं, जिसमें बच्चों को खेलने के लिए झूले, खिलौने, सहित अन्य कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। प्रदेश में अब प्राइवेट प्ले स्कूलों की तर्ज पर आंगनबाड़ी केंद्रों का पूरा ही स्वरूप बदल दिया जाएगा। अर्ली चाइल्ड केयर एंड एजुकेशन ईसीसी के तहत पूर्वशाला केंद्रों में सभी सुविधाओं को दुरुस्त किया जाएगा, जिसके चलते प्रदेश में स्कूल पूर्व शिक्षा की इंप्रूवमेंट पर भी विशेष रूप से काम किया जाएगा। सरकारी आंगनबाड़ी केंद्रों के स्मार्ट क्लासरूम तैयार किए जाएंगे, जिसमें बच्चों के हिसाब से फ्रेंडली खूबसूरत कार्टून व रंग-बिरंगे फूलों वाली पेंटिंग दीवारों में की जाएगी। दीवारों को नया लुक देने के साथ ही केंद्र के क्लासरूम भी निखारे जाएंगे। पूर्वशाला शिक्षा के लिए भी हाईटेक तरीके अपनाए जाएंगे, जिससे प्राइवेट स्तर पर चलने वाले प्ले स्कूलों को पछाड़ कर सरकारी केंद्रों को फिर से आगे बढ़ाया जा सकेगा।

सुपरवाइजर देखें खामियां कहां

ग्रामीण क्षेत्रों की आंगनबाडि़यों को भी नया रूप देने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सुपरवाइजरों को केंद्र का निरीक्षण कर खामियों को जांच कर उन पर काम करने का भी प्लान बनाना होगा। प्राइवेट स्कूलों में मिलने वाली सुविधाओं पर भी विशेष नजर रखी जाएगी। इसके लिए कमेटी का स्पेशल दल निरीक्षण अभियान भी चलाएगा।

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