फोरेस्ट गार्ड ने किया सुसाइड

By: Jun 11th, 2017 12:15 am

एक अधिकारी समेत चार वन कारोबारियों को ठहराया जिम्मेदार, बैग से मिली जहर की बोतल

NEWSकरसोग— करसोग उपमंडल के तहत गजरूह जंगल में पेड़ पर लटकी मिली लापता वन रक्षक होशियार सिंह की हत्या के मामले में अब आत्महत्या का मोड़ आ गया है। इस मामले में जहां वन माफिया पर हत्या कर होशियार की लाश पेड़ पर लटकाने के आरोप लगाए जा रहे थे। वहीं अब पुलिस को जांच के दौरान वन रक्षक के बैग से सुसाइड नोट के साथ जहर की शीशी भी मिली है। सुसाइड नोट में होशियार सिंह ने अपने एक अधिकारी व चार अन्य वन संपदा से जुड़े लोगों पर कई आरोप लगाए हैं। सुसाइड नोट में लिखा गया है कि उसे उसके अधिकारी व अन्य लोग सही तरह से काम करने नहीं दे रहे हैं, उसे तंग किया जा रहा है।  पुलिस सुसाइड नोट में लिखे आरोपों की सत्यता की जांच करने में लगी हुई है। उधर, पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में कलाइयां काटने की बात भी झूठी निकली है। पोस्टमार्टम के बाद बिसरा भी एसएफएल लैब को भेज दिया गया है, जिससे जहर सेवन करने का पता चल सकेगा। इसके बाद आत्महत्या  की पुष्टि पूरी तरह से होगी। इस मामले में पुलिस ने एक दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ की है। कुछ और लोग भी पुलिस के राडार पर हैं, लेकिन सुसाइड नोट मिलने से अब पुलिस आत्महत्या की दिशा में ही आगे बढ़ रही है। हालांकि अभी भी कई सवाल खडे़ हैं कि सुसाइड करने के बाद होशियार सिंह पेड़ के ऊपर 13 फुट पर कैसे जा फंसा। एसएसपी मंडी कुलभूषण वर्मा ने बताया कि आरोपी के बैग से सुसाइड नोट मिला है।  वहीं करसोग के विधायक व सीपीएस मंशा राम ने इस मामले में पुलिस को कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

प्रदेश में वन माफिया नहीं

इस मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वन माफिया के होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा प्रदेश में कोई वन माफिया नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और प्रदेश की जांच एजेंसियां पूरी तरह से सक्षम हैं।

वन माफिया सक्रिय

प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता डा. राजीव बिंदल ने कहा कि फोरेस्ट गार्ड की  हत्या करके उसके शव को पेड़ पर टांग देना क्रूरता की इंतहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लगातार यह आरोप लगाती आई है कि हिमाचल में वन माफिया सर चढ़कर बोल रहा है। इस केस ने भाजपा की बात सही साबित कर दी है। भाजपा ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

डीएफओ को सौंपा जांच का जिम्मा

करसोग— वन मंडल करसोग की वन रेंज मगरू में वन बीट सेरी कंताडा के वन रक्षक होशियार सिंह की मौत के बाद अब वन विभाग नींद से जाग उठा है। वन विभाग ने इस सारे मामले में वन माफिया के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं। शिमला से जारी सख्त आदेशों के बाद अब डीएफओ करसोग के नेतत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया है। यह टीम उक्त क्षेत्र के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी अवैध कटान की जांच करेगी। उधर वन विभाग के प्रदेश सचिव तरुण कपूर, पीसीसीएफ  (हॉफ) एसएस नेगी, पीसीसीएफ  प्रशासनिक विनित कुमार और अरण्यपाल मंडी उपासना पटियाल ने  वन मंडलाधिकारी करसोग आरके शर्मा को करसोग के सभी जंगलों में अवैध कटान को लेकर कड़ी छानबीन के आदेश दे दिए गए हैं।  अरण्यपाल उपासना पटियाल ने बताया कि विभाग इस मामले को लेकर गंभीर है। डीएफओ करसोग को सारे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उनके नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई है। विभागीय कर्मचारियों की अगर कोई लापरवाही सामने आती है तो पुलिस के साथ ही वन विभाग भी कार्रवाई करेगा।

परिजनों का दावा, आत्महत्या नहीं, हत्या हुई

मंडी— वनरक्षक होशियार सिंह के परिजनों ने मंडी अस्पताल में शनिवार को हंगामा किया और वन विभाग के खिलाफ रोष प्रकट किया। परिजन होशियार सिंह का पोस्टमार्टम न करवाने और शव न लेने पर भी अडे़ रहे।   होशियार सिंह के मामा जगजीत सिंह व चाचा परस राम ने आरोप लगाया है कि होशियार सिंह की मौत वन विभाग की अनदेखी के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि उसने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि यह हत्या है। वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत पर वन माफिया ने उसकी हत्या करके उसे पेड़ पर लटका दिया।

24 घंटे में अपराधी न पकड़े तो संघर्ष

शिमला— प्रदेश फोरेस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने वनरक्षक होशियार सिंह की मौत  पर शोक व्यक्त किया है । एसोसिएशन ने  सरकार, वन विभाग के अधिकारियों व मंडी प्रशासन से मांग की है कि हत्यारों को शीघ्र पकड़कर कानूनी कार्रवाई की जाए। महासंघ ने मांग की है कि 24 घंटे के भीतर अपराधियों को हिरासत में लिया जाए, नहीं तो कर्मचारी प्रदेशव्यापी आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की ही होगी।

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