…बुजुर्गों के पास है जिंदगी का तुजर्बा

By: Jun 26th, 2017 12:01 am

पालमपुर —  मां-बाप की निंदा कभी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह हमारी संस्कृति के खिलाफ  है, जो इनसान मां-बाप की निंदा करता है, उसमें खून भी तो उन्हीं का ही होता है, जिनकी वे निंदा करते है, इसलिए वह खुद अच्छा कैसे हो सकता है। दोस्त वही अच्छा होता है, जो सही बात मुंह पर कह दें और गलत होने पर उसे टोक दें। इनसान को चापलूसी दोस्ती से बचकर रहना चाहिए। उक्त विचार डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सा ने रविवार को पालमपुर के शहीद कैप्टन विक्रम बतरा स्टेडियम में आयोजित विशाल रूहानी सत्संग में उपस्थित साध-संगत को संबोधित करते हुए कहे।  उन्होंने कहा कि आधुनिक सोच और बुर्जुगों की सोच में फर्क जरूर हो सकता है, लेकिन मां-बाप को कभी बुरा नहीं कहना चाहिए। इनसान को चाहिए कि वह अपने बुजुर्गों की बात को जरूर सुनें। अच्छी लगे तो मान लो, नहीं तो आप की मर्जी, क्योंकि जो उम्र होती है, वह भी एक गुरु के समान होती है। पढ़ने-लिखने से ज्यादा इनसान को जिंदगी सिखा देती है। जिंदगी का तुर्जबा बुजुर्गों के पास होता है, इसलिए इनसान को कभी भी अपने बुजुर्गों का अनादर नहीं करना चाहिए, बल्कि उनके ज्ञान का लाभ लेना चाहिए। आजकल घर परिवार टूट रहे हैं, जिसका सबसे बड़ा कारण बुजुर्गों का साथ न होना है। सत्संग कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी बुटेल, सीपीएस जगजीवन पाल, पूर्व विधायक प्रवीण  शर्मा सहित आस-पास के क्षेत्र से हजारों की संख्या में साध-संगत मौजूद थीं।

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