बैकयार्ड पोल्ट्री की ऊंची ‘उड़ान’
प्रदेश में तीन लाख 60 हजार के निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा बांटे चूजे
पालमपुर— प्रदेश में बैकयार्ड पोल्ट्री को लोग स्वरोजगार के तौर पर अपना रहे हैं और सरकार तथा विभाग से मिल रही मदद से यह उद्योग नई उड़ान भर रहा है। जानकारी के अनुसार 2016-17 के लिए प्रदेश भर में तीन लाख 60 हजार चूजे बांटने का लक्ष्य रखा गया था और प्रदेश में स्थापित नर्सरियों में बीते सत्र में 3,69,724 चूजे तैयार प्रदेश के विभिन्न जिलों में वितरित किए जाने के लिए दिए। यह आंकड़ा 2015-16 से करीब 20 हजार चूजे अधिक रहा है। बीते वर्ष प्रदेश के नौ जिलों में लक्ष्य से अधिक चूजे बांट कर बैकयार्ड पोल्ट्री को प्रोत्साहित किया गया है और इस उद्योग से जुड़ने वालों के आंकड़े में भी इजाफा हुआ है। आंकड़े बताते हैं कि बीते साल दो जिलों उना और कुल्लू में 27-27 हजार चूजे बांटने का लक्ष्य रखा गया था, जबकि ऊना में 30112 और कुल्लू में 28739 चूजे बांटे गए। जिला शिमला, सोलन और किन्नौर में निर्धारित 29-29 हजार चूजों के लक्ष्य के स्थान पर क्रमशः 29490, 29686 और 30136 चूजे वितरित किए गए। वहीं जिला हमीरपुर में 22 हजार के स्थान पर 24,071, जिला मंडी में 33 हजार के स्थान पर 36,616 चूजे बांटे गए। इस दौरान जिला बिलासपुर में 35 हजार के स्थान पर 32131 और जिला चंबा में 49 हजार की जगह 39929 चूजे वितरित किए गए। बीते साल चूजों के वितरण की दृष्टि से जिला कांगड़ा सबसे आगे रहा। यहां बीते साल 47 हजार चूजे बांटे जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जो कि सिर्फ चंबा जिला से कम था। वहीं जिला कांगड़ा में बीते वर्ष 55,482 चूजे बांट कर बैकयार्ड पोल्ट्री को पंख लगाने का प्रयास किया गया। गौर रहे कि 2015-16 में भी जिला कांगड़ा में ही सबसे अधिक 44686 चूजे वितरित किए गए थे, लेकिन 50 हजार का ग्राफ इस बार पार किया गया है।
जिला लक्ष्य वितरित
शिमला 29000 29490
सोलन 29000 29686
सिरमौर 33000 33332
किन्नौर 29000 30136
ऊना 27000 30112
बिलासपुर 35000 32131
कुल्लू 27000 28739
मंडी 33000 36616
चंबा 49000 39929
कांगड़ा 47000 55482
हमीरपुर 22000 24071
कुल 360000 369724
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