ब्याज दरों में बदलाव नहीं

By: Jun 8th, 2017 12:06 am

रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल का खुलासा, मुद्रास्फीति को ध्यान में रख लिया फैसला

NEWSनई दिल्ली — मानसून की चाल ,वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी)  लागू होने के बाद के जोखिमों और मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्वैमासिक मौद्रिक एवं रिण नीति की घोषणा करते हुए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुमान 0.10 प्रतिशत घटाकर 7.4 से 7.3 प्रतिशत किया है। मौद्रिक नीति में महंगाई के नरम रहने की उम्मीद जताई गई है। पहली छमाही के दौरान महंगाई दर दो से साढ़े तीन प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान है,जबकि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में इसके 3.5 से 4.5 प्रतिशत के दायरे में रहने की संभावना है। रिजर्व बैंक गवर्नर की अगवाई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में से पांच ने रेपो दर को 6.25 प्रतिशत पर रखने के पक्ष में फैसला दिया, जबकि डा. रवींद्र एच ढोलकिया इसके पक्ष में नहीं थे। रिवर्स रेपो रेट छह प्रतिशत और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) चार प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। हालांकि केंद्रीय बैंक ने सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर )में 50 आधार अंकों यानी 0.5 प्रतिशत कटौती करके 20 प्रतिशत किया है। नई एसएलआर दर 24 जून से लागू होगी। रिजर्व बैंक के  अनुमान की तुलना में अप्रैल माह में खुदरा महंगाई काफी नीचे रही। बैंक का अनुमान चार प्रतिशत था,जबकि यह 2.99 प्रतिशत रही। रिजर्व बैंक के ब्याज दरों में कमी नहीं करने से घर, कार और व्यक्तिगत ऋण के ब्याज में किसी तरह की कमी किए जाने की संभावना लगभग समाप्त हो गई है क्योंकि बैंकों के पास ब्याज दरों में कटौती करने की गुंजाइश नहीं है। हालांकि 75 लाख रुपए से अधिक के आवास ऋण पर रिजर्व बैंक ने जोखिम को कम कर दिया है, जिससे इसके सस्ता होने की उम्मीद बनी है। पहले यह जोखिम 75 प्रतिशत था, जिसे कम करके 50 प्रतिशत कर दिया गया है।

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