मौका दो, मिटा देंगे दुश्मन का वजूद

By: Jun 3rd, 2017 12:10 am

newsहमीरपुर —  सरहदों पर भारतीय जवानों के साथ दरिंदगी की हदें पार हो रही हैं। दुश्मन देश पाकिस्तान आखिर कब तक हमारे जवानों के साथ इस तरह का बर्ताव करता रहेगा। जितनी बर्बरता पाकिस्तान ने हिंदोस्तान के सैनिकों के खिलाफ दिखाई है, उससे साबित हो रहा है कि यह देश कभी भी मित्रता नहीं चाहता। जब भी अवसर मिलता है देश के जवानों को नुकसान पहुंचाने से पीछे नहीं हटता। वहीं, भारत हर बार इसकी गलतियों को नजरअंदाज कर रहा है। यह कहना है बगारटी के सूबेदार रविंद्र कानूनगो का। उनका कहना है कि जैसे व्यवहार पाकिस्तान करता है, वैसा ही व्यवहार उसके सैनिकों के साथ भी होना चाहिए। जब भी किसी जवान के शहीद होने की खबर मिलती है दिल दहल उठता है। उनका कहना है कि दुश्मनों को मार गिराने के बाद भारत की सरजमीं में न दफनाया जाए, बल्कि इनकी लाशों को पाकिस्तान ही वापस किया जाए। इससे दुश्मन देश को भी पता चल जाएगा कि बर्बरता केवल पाकिस्तान ही नहीं दिखा सकता। अगर मां भारती की तरफ आंख उठाकर भी देखा तो भारत कोई भी कड़ा कदम उठा सकता है। उनका कहना है कि कई बार सेना के हाथ बंध जाते हैं। बार्डर पर तैनात सैनिक दुश्मन की कार्रवाई का जवाब देने के लिए आर्डर का इंतजार करते रहते हैं। जब तक दिल्ली से आदेश मिलते हैं, काफी देर हो जाती है। उनका कहना है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में सेना को फ्री हैंड कर देना चाहिए। अब देश का हर नागरिक यही मांग कर रहा है कि आर्मी को फ्री हैंड किया जाए।  उनका कहना है कि उन्होंने अपनी नौकरी के दौरान कई आपरेशनों में भाग लिया है। सेना हर तरह से सक्षम है। अगर सरकार चाहे तो छोटे से देश पाकिस्तान का वजूद चंद घंटों में समाप्त हो जाए। हमारी सेना पलक झपकते ही इस देश का नामोनिशान विश्व के नक्शे से मिटा देगी। दुश्मन देश के आत्मघाती हमलों में कई वीर जवानों ने प्राणों का बलिदान दिया है। कई बहनों से उनके भाई तथा कई माताओं से उनके पुत्र का साथ छूटा है। वहीं, कई सुहागिनों ने अपने पति खोए हैं। उनका कहना है कि सरहदों पर शहीद होने वाले परिजनों के लिए भी कोई विशेष नीति बनाई जानी चाहिए। हालांकि शहीद के परिवार को सरकार ने कई सुविधाएं प्रदान की हैं, बावजूद इसके समय-समय पर सरकार को इस परिवार की सुध लेनी चाहिए। इससे इन परिवारों का दुख कुछ हद तक जरूर कम होगा। उनका कहना है कि अब पाकिस्तान को नहीं बख्शना चाहिए।

यह उम्मीद है सरकार से

सरकार चाहे तो कुछ भी कर सकती है। पिद्दी भर देश हमारी सीमा में घुसकर सैनिकों के सिर कलम कर देता है और हम शांति की अपील करते रह जाते हैं। अब सरकार को आर-पार की लड़ाई लड़नी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय दबाव को भूल जाओ, पाकिस्तान को घर में घुसकर मारो। इसके लिए सरकार को फौज को फ्री हैंड दे देना चाहिए। दस दिन में दुनिया के नक्शे से यह आतंकी मुल्ख गायब हो जाएगा और अमन-चैन बहाल होगा। न किसी का बेटा शहीद होगा, न किसी की असमय मांग उजड़ेगी, न किसी बच्चे के सिर से बाप का साया उठेगा। आतंकियों की जब नर्सरी ही खत्म हो जाएगी, तो विश्व भी दहशतगर्दी से मुफ्त हो जाएगा।

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