व्यापारियों के लिए बने कल्याण कोष
कारोबारियों की मांगें पूरी करने वाली पार्टी का ही देंगे साथ
घुमारवीं – प्रदेश में अब व्यापारियों का अपना व्यापार कल्याण कोष स्थापित करने को लेकर तैयारी चल रही है। इस बाबत प्रमुखता से सरकार से मांग उठाई गई है। सरकार से आग्रह किया है कि इसमें व्यापारी द्वारा जमा टैक्स का पांच फीसदी जमा किया जाए, जिसे व्यापारी वर्ग के हितों पर खर्च किया जाएगा। यह बात रविवार को यहां लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष सुमेश शर्मा ने कही। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि जीएसटी का सरलीकरण किया जाए, ताकि सभी वर्ग के व्यापारियों को कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि जो व्यापारी सालाना दो करोड़ तक की टर्न ओवर भरते हैं, उन्हें जीएसटी के दायरे से बाहर रखना चाहिए। इन्हें पुरानी प्रक्रिया के दायरे में रखा जाए। व्यापारी वर्ग को अवेतनिक सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। इस वर्ग को सरकारी कर्मचारियों की तरह पेंशन, ईपीएफ व मेडिकल बिल आदि की सुविधाएं प्रदान की जाएं। सुमेश शर्मा ने कहा कि टर्न ओवर के हिसाब से व्यापारियों की इंश्योरेंस भी की जाए। सुमेश शर्मा ने कहा कि विस चुनाव से पहले जो राजनीतिक दल व्यापारियों की मांगों को पूरा करने का भरोसा दिलाकर चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करेगा, व्यापारी वर्ग चुनावों में उसी का ही समर्थन करेगा। कांग्रेस सरकार चुनावों से पहले यदि व्यापारी वर्ग की मांगें पूरी करती है तो ही व्यापारी वर्ग उनका समर्थन करेगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि व्यापारी संघर्ष से भी गुरेज नहीं करेंगे। यदि व्यापार बंद का ऐलान भी करना पड़ा तो वह भी किया जाएगा। इस मौके पर मंडल के महासचिव राकेश, मुख्य सलाहकार केके धवन, कोषाध्यक्ष इकबाल सिंह, घुमारवीं व्यापार मंडल के प्रधान हेमराज सांख्यान, प्रकाश पजियाला, मीडिया प्रभारी महेंद्र पाल रत्वान, अनिल बरूर, सुदर्शन कुमार, देवराज इत्यादि मौजूद रहे।
तीन भागों में बंटेगा संगठन
संगठन को तीन भागों में बांटा जाएगा। प्रथम भाग में ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा व चंबा दूसरे भाग में बिलासपुर, कुल्लू, मंडी व लाहुल-स्पीति व तीसरे भाग में सिरमौर, सोलन, शिमला व किन्नौर को रखा जाएगा।
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