शब्द वृत्ति

By: Jun 8th, 2017 12:01 am

चटर-चटर आवाज

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर )

बंगाली क्या बक रहा, चटर-चटर आवाज,

अब्बा हाफिज पाक का, तभी उठ रही खाज।

दीदी का भ्राता सगा, शक्ल मिल गई देख,

बेची पाकिस्तान में, अक्ल बिक गई देख ।

चटर बड़ा विक्षिप्त है, इसका करें इलाज।

मुंह काला कर गधे पर, सिंहासन दे आज,

लेखक बनना शौक है, या नेता का शौक।

मुंह पर टेप लगा अभी, बहुत लिया तु भौंक, अंधकार दिन में किया, यह प्रकाश बकवास।

आत्मा घुस गई पाक की, यह है जिंदा लाश, अम्मी-अब्बा कौन हैं, नहीं इन्हें कुछ याद।

रक्त नसों में पाक का, बहता पीप-मवाद,

अपने सैनिक देव सम, रावत है भगवान।

किसकी हिम्मत कर सके, सेना का अपमान, गोगोई दिल में बसा, भारत की है शान,

हीरो है हर मोड़ पर, पाता है सम्मान।

अगर बची कुछ आबरू, बंद करो बकवास, बिस्तर बांधो, पाक की गली पकड़ लो खास।

सेना ही सर्वोच्च है, इज्जत करना सीख,

लाठी बजनी ईश की, मंगवा देगी भीख।

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