शब्द वृत्ति

By: Jun 17th, 2017 12:01 am

सड़क छाप खलनायक

(डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर )

मुंडा है खुद सड़क का,

खलनायक हैवान।

हाफिज का है सगा,

या निशिचर, शैतान।

कसैली जिह्वा विष भरी,

मिलता इसे सुकून।

नमक खा रहा पाक का,

शायर यह नापाक।

मां को किया निर्वस्त्र खुद,

इज्जत कर दी खाक।

हरते हैं गुंडे कई,

भारत मां का चीर।

अपमानित नित हो रहे,

योद्धा सैनिक वीर।

मुंह से विष्ठा फेंकता,

बक बक बक बकवास।

सेना पर छींटा कशी,

भारत हुआ हताश।

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