स्टाफ की कमी से रिजल्ट खराब

By: Jun 28th, 2017 12:02 am

शिमला — खराब रिजल्ट पर सरकार की ओर से गठित कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर दी है, अब बुधवार को कमेटी यह रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। कमेटी ने जो दौरे किए, उसमें अधिकतर स्कूल मुखियाओं ने स्टाफ की कमी को खराब रिजल्ट का कारण बताया। हालांकि कुछ स्कूलों में अध्यापकों की लापरवाही भी सामने आई है, लेकिन अधिकतर मुख्यिओं का यही तर्क रहा कि जब शिक्षक ही नहीं तो परिणाम कैसे दें। सूत्रों का कहना है कि जब कमेटी ने अभिभावकों को बुलाया तो अधिकतर अभिभावकों ने एसएमसी अध्यापकों के खिलाफ बोलने से गुरेज किया। वहीं बच्चों ने शिक्षकों के पढ़ाने के तरीकों को लेकर सवाल उठाए हैं। कमेटी की ओर खराब रिजल्ट का कारण पता करने के लिए स्कूल मुखियाओं से पपत्र भरवाए गए थे। इसमें अधिककांश ने कहा है कि गणित व विज्ञान के शिक्षक नहीं है।

फेल होने का डर नहीं

कमेटी की जांच में यह भी सामने आया कि पांचवीं और आठवीं में परीक्षाएं बोर्ड से न होने से छात्रों की पढ़ाई के प्रति गंभीरता कम हो रही है। मन से फेल होने का डर खत्म होने से पढ़ाई के प्रति छात्र गंभीर नहीं होते और इसका परिणाम दसवीं में उन्हें भुगतना पड़ता है। हाल ही में हुई दसवीं की परीक्षा में 1.15 लाख छात्रों ने गणित की परीक्षा दी थी। इनमें 25398 छात्र गणित में फेल हो गए। अंग्रेजी में भी स्थिति खराब है। अंग्रेजी की परीक्षा में 16136 छात्र और विज्ञान में 15685 छात्र फेल हुए हैं।

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