15 मिनट स्ट्रैचर पर तड़पता रहा मरीज

By: Jun 11th, 2017 12:07 am

newsधर्मशाला – जिला मुख्यालय धर्मशाला में शनिवार को हुए सड़क हादसे ने आपदा प्रबंधों की पोल खोल कर  रख दी।  हादसे में गंभीर रूप से घायल सुनील को रैफर किए जाने के बाद भी काफी देर तक एंबुलेंस के इतंजार में स्ट्रैचर पर एमर्जेंसी वार्ड के बाहर ही रखा गया। इतना ही नहीं, एंबुलेंस आने के बाद भी करीब 15 मिनट तक उसको टांडा के लिए नहीं ले जाया गया। अस्पताल स्टाफ की इस कार्यप्रणाली पर लोगों के रोष प्रकट करने के बाद ही एंबुलेंस घायल को लेकर टांडा के लिए रवाना हुई। शनिवार दोपहर बाद धर्मशाला-मकलोडगंज बाइपास पर एक कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से तीन युवकों की मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए जोनल अस्पताल धर्मशाला लाया गया। इस दौरान घायल सौरभ को अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद टांडा के लिए रैफर किया गया, जिसे आपातकालीन एंबुलेंस सेवा 108 के माध्यम से टांडा ले जाया गया। सौरभ को टांडा रैफर करने के कुछ मिनटों बाद ही दुर्घटना में दूसरे गंभीर रूप से घायल हुए सुनील को भी चिकित्सकों ने टांडा के लिए रैफर किया। इस दौरान क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला की एंबुलेंस द्वारा मरीज को टांड़ा ले जाने के लिए कहा गया, लेकिन अस्पताल से रैफर होने के बाद भी करीब आधे घंटे तक घायल स्ट्रैचर पर जिंदगी और मौत से लड़ता रहा। रैफर किए जाने के आदेश होने पर ही घायल सुनील को स्ट्रेचर पर आपातकालीन वार्ड से बाहर ले जाया गया तथा मुख्य द्वार पर स्ट्रैचर को रोका गया। इसके बाद क्षेत्रीय अस्पताल की एंबुलेंस को ढूंढना शुरु किया गया, जोकि काफी  करीब 15 मिनटों के बाद मरीज के पास पहुंची। इस दौरान घायल को एंबुलेंस में रखा गया लेकिन मरीज  के साथ अटेंडेंट न होने के कारण एंबुलेंस करीब 15 तक ही वहां खड़ी रही।  उधर, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी धर्मशाला डा. अंजू पुरी ने कहा कि जब हादसे के घायलों को अस्पताल लाया गया था तो वह मौके पर मौजूद थीं। इस दौरान दुर्घटना में घायल युवक को 108 एंबुलेंस के माध्यम से टांडा भेजा गया। दूसरे घायल को अस्पताल की एंबुलेंस के माध्यम से भेजने और उसमें होने वाली देरी के बारे उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

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