26 साल रही कांग्रेस की धाक

By: Jun 12th, 2017 12:05 am

शिमला  – नगर निगम शिमला के पहले चुनाव 1986 में हुए थे। उस दौरान नगर निगम शिमला के कुल 21 वार्ड थे। अगर वर्ष 2012 में हुए चुनावों को छोड़ दिया जाए ,तो नगर निगम शिमला में कांग्रेस का ही वर्चस्व रहा है ऐसे में इस बार कांग्रेस के किले को भेदना भाजपा के लिए वर्चस्व की जंग बन गया है।  जब पहले चुनाव 1986 में करवाए गए तो कुल 21 सीटों में से नौ सीटें कांग्रेस को और आठ सीटें भाजपा को मिली, जबकि चार सीटें नागरिक मोर्चा के खाते में  गइर्ं। नागरिक मोर्चा ने कांग्रेस का समर्थन इस शर्त पर किया कि उपमहापौर नागरिक मोर्चा से बनेगा। इस पर सहमति बनी और फागली वार्ड से कांग्रेसी पार्षद आदर्श सूद नगर निगम के पहले मेयर बने। उसके बाद सन 1988 में मेयर के लिए दोबारा चुनाव हुए इसमें भी पार्षदों ने आदर्श सूद को ही मेयर पर बैठाया। उसके बाद वर्ष 1991 में चुनाव होने थे, लेकिन उस दौरान तत्कालीन भाजपा सरकार ने चुनाव नहीं करवाए और कोर्ट के आदेशों के बाद नगर निगम का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया गया। इसके बाद 1992 में नगर निगम के 21 वार्डों के लिए चुनाव करवाए गए। इन चुनावों में कांग्रेस को रिकार्ड तोड़ 20 सीटों पर विजय हासिल हुई और इस बार आदर्श सूद को ही नगर निगम का मेयर बना गया।

भाजपा के हाथ से यूं फिसला था नगर निगम

अगर भाजपा सरकार की ओर से प्रत्यक्ष चुनाव नहीं करवाए गए होते तो निश्चित तौर पर 2012 में नगर निगम पर भाजपा का पहली बार कब्जा हो गया होता। इस बात की टीस भाजपा को हमेशा से है और इस बार वह इस मौके को खोना नहीं चाहती। वहीं माकपा स्मार्ट सिटी को मुद्दा बनाकर कांग्रेस- भाजपा को निशाना बना रही है।

शिमला में इस बार महिला बनेगी मेयर

देश के सबसे पुराने नगर निकायों में शामिल शिमला नगर निगम निगम की कमान तीसरी बार महिला के हाथों होगी। अबकी बार नगर निगम के मेयर का पद महिलाओं के लिए आरक्षित रखा गया है।

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