अब गैस सिलेंडर की कालाबाजारी पर रोक

By: Jul 4th, 2017 12:01 am

धर्मशाला – हिमाचल में डिजिटल राशन कार्ड व्यवस्था लागू होने से करीब एक लाख फर्जी राशन कार्ड नहीं बन पाए हैं। ऐसे में अब राशन कार्ड फर्जीबाड़े के बड़े खुलासे के तुरंत बाद एलपीजी फर्जीबाड़ा भी सामने आएगा। राशन कार्डों को आधार कार्ड से लिंक करने से फर्जी राशन कार्ड बनाकर रसोई गैस के डबल और ट्रिप्पल कनेक्शन लेने वाले भी शिकंजे में आ जाएंगे। हालांकि अब रसोई गैस लेने के लिए प्रक्रिया आसान कर दी है, लेकिन पूर्व में फर्जी राशन कार्ड बनाकर रसोई गैस लेने वाले लोगों को भी पुराने सिलेंडर एजेंसियों में सरेंडर करने पड़ेंगे, जिससे घरेलू गैस की कालाबाजारी नहीं हो पाएगी।  इसका अब कार्मिशल प्रयोग भी नहीं हो पाएगा और आम लोगों को गांव में भी समय पर रसोई गैस मिल सकेगी। बताया जा रहा है कि प्रदेश में वर्षों से चल रही खाद्य पदार्थों और रसोई गैस की कालाबाजारी पर बड़ी रोक लगेगी। प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार हिमाचल में करीब 17 लाख 35 हजार राशन कार्ड उपभोक्ता थे, डिजिटल राशन कार्ड बनाने पर घटकर अब करीब 16 लाख 25 हजार राशन कार्ड धारक रह गए हैं। इन्हीं फर्जी कार्डों के सहारे लोग राशन डिपो से सस्ता राशन लेने के अलावा रसोई गैस कनेक्शन भी लेते थे, लेकिन अब रसोई गैस ही नहीं, नए बनाए गए राशन कार्डों को भी पूरी तरह से आधार से लिंक कर दिया गया है। ऐसे में घरेलू सिलेंडरों से होने वाली रसोई गैस की कालाबाजारी पर भी रोक लग जाएगी। फेक कार्ड पर लिए गए कनेक्शन रद्द हो जाएंगे। प्रदेश में जिस तरह से राशन कार्ड फर्जीबाड़ा था, उसी तरह एलपीजी फर्जीबाड़ा भी सामने आएगा। गलत तरीके से लिए गए गैस कनेक्शन जब रद्द हो जाएंगे, तो घरेलू गैस के लिए मारामारी भी नहीं रहेगी। इससे कालाबाजारी पर रोक लगेगी और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में प्रयोग के लिए लोगों को कामर्शियल सिलेंडर ही लेने पड़ेंगे। ऐसा होने पर शहरों ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में भी गैस की किल्लत समाप्त हो सकती है।

अब कई व्यवस्थाएं सुधरेंगी

प्रदेश सरकार के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री जीएस बाली का दावा है कि डिजिटल राशनकार्ड बनाने के बाद प्रदेश में करीब एक लाख फर्जी राशनकार्ड घटे हैं। एक परिवार का एक राशनकार्ड होने से कई व्यवस्थाओं में सुधार होगा।


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