एथेनॉल मिश्रित ईंधन से चलाएं बसें

By: Jul 26th, 2017 12:05 am

NEWSलखनऊ— उद्योग मंडल एसोचैम ने उत्तर प्रदेश सरकार से राज्य की सभी सरकारी बसों को एथेनॉल तथा पर्यावरण अनुकूल अन्य ऊर्जा विकल्पों के जरिए चलाने का आग्रह किया है। एसोचैम के राष्ट्रीय महासचिव डीएस रावत ने यहां एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश एथेनॉल का सबसे बड़ा उत्पादक है। प्रदेश सरकार को सभी सरकारी बसों को एथेनॉल मिश्रित ईंधन से चलाने को बढ़ावा देना चाहिए। इससे कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता तो घटेगी ही प्रदूषण की समस्या में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि गन्ने की खली, चावल तथा गेहूं की भूसी, बांस एवं लकड़ी की छीलन तथा कुछ अन्य कृषि अवशेषों के जरिए टूजी एथेनॉल का उत्पादन किया जा सकता है। रावत ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एथेनॉल मिश्रित ईंधन से बसें चलाने की बात सुझायी थी। गडकरी ने गत 13 जुलाई को दिल्ली में आयोजित एसोचैम की एक कान्फ्रेंस में कहा था कि उन्होंने योगी को प्रदेश की सभी तरह की सेवाओं में संचालित बसों को एथेनॉल से चलाने का सुझाव दिया है। रावत ने कहा कि एसोचैम की उत्तर प्रदेश सरकार से अपील है कि वह सार्वजनिक परिवहन की स्थिति को सुधारे, ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग इसका प्रयोग करें। बहरहाल योगी सरकार से उद्योग मंडल एसोचैम ने उत्तर प्रदेश सरकार से राज्य की सभी सरकारी बसों को एथेनॉल तथा पर्यावरण अनुकूल अन्य ऊर्जा विकल्पों के जरिए चलाने का आग्रह किया है। ऐसे में अब यह देखना होगा कि कब तक उत्तर प्रदेश सरकार बसों में नए इर्ंधन का प्रयोग करने के फरमान जारी करती है।

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