क्रैश बैरियर होते तो बच जाती दो अनमोल जिंदगिया

By: Jul 22nd, 2017 12:05 am

भावानगर— शोल्डिंग में हुआ पिकअप हादसा एक बार फिर से सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा गया है। विभाग द्वारा ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने के दावे तो कई बार किए जाते है, परंतु उन पर कितना अमल हो पाता है इस बात का पता गुरुवार देर रात हुए हादसे से ही चल गया, जहां से एक पिकअप खाई में गिरी है वहीं से पहले भी दुर्घटना हुई है। पिछले वर्ष भी एक कार ठीक उसी स्थान से खाई में समाई थी व सवार को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। पिकअप भी खाई में उसी स्थान तक पहुंची है, जहां पहले गिरी कार पंहुची थी, जिसके अवशेष आज भी अपनी दास्तां कह रहे हैं। कहने को तो पूरे एनएच-पांच में क्रैश बैरियर लगाए गए हैं, परंतु उनका कितना रखरखाव किया जा रहा है यह घटनास्थल का मुआयना करने पर पता चल जाता है। घटनास्थल के टूटे कै्रश बैरियर आज भी वैसे ही हैं, जैसे पहले हुई दुर्घटना के समय थे। उन्हें आज तक दुरुस्त करने की जहमत नहीं उठाई गई। क्या मानवीय जिंदगी इतनी सस्ती हो चुकी है या समाज संवेदनहीनता की ओर बढ़ रहा है। क्यों विभागीय चूक का खमियाजा सवारों को अपनी जिंदगी से चुकाना पड़ता है।

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