चंबा में ‘सायं-सायं मत कर राविए’

By: Jul 30th, 2017 12:07 am

newsचंबा – अंतरराष्टीय मिंजर मेला की सातवीं सांस्कृतिक संध्या  हिमाचली कलाकरों के नाम रही। प्राइम टाइम के दोनों कलाकारों करनैल राणा तथा सुनील राणा ने दर्शकों में ऐसा समां बांधा कि दर्शक वाहवाही पर उतर आए। सातवीं संध्या के मुख्य कलाकार  सुनील राणा ने अपने कार्यक्रम का आगाज परंपरागत चंबियाली लोकगीत सायं-सायं मत कर रावी उसके बाद कुंजू चंचलों, नच्चे धुड़़़ुआ एवं अपना मनपसंद गाना कांछा चढि़यां पहाड़ा जो गया। उन्होंने जोता पिया हींणा, सैली डालिए झुलणां लगी, प्यारी भोटणीए, चंबे दिया भट्ट बामुणुआं, बंजारा, निक्की जेई छेल गदरेटी, संभूआ, चुक घड़ा चल पणिहारे, जली जांदी चांदणी-री रात, तुलसो, रूपणुआ लौहणे मत जांदा जैसे गाने गाकर बुजुर्गों एंव महिलाओं का भी खूब मनोरंजन किया। इससे पहले हिमाली प्रसिद्ध गायक करनैल राणा ने अपने कार्यक्रम का आगाज पतना दे तारुआं से किया इसके बाद कैसा लगा गोरिए पहाड़ा रा बसणां, काजो नैण मिलया, बिदु निलु दो सखियां, निब्बूए दे बागा कपड़े न धौंआ, तेरे माथे जो विंदला लाणा गोरिए तथा हुण वो कुताईं जो तसदा धुडुआ गाने गाकर युवाआें को खूब नचाया। मिंजर मेले की सातवीं सांस्कृति संध्या का आगाज कुंजड़ी मलहार से हुआ। ग्यानू राम पार्टी की ओर से मुसाधा गायन प्रस्तुत किया गया। इसके बाद नूरपुर कला मंच के कलाकरों द्वारा कार्यक्रम पेश किया गया।

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