जयसिंहपुर अस्पताल का दर्जा घटा

By: Jul 8th, 2017 12:10 am

news newsजयसिंहपुर —  प्रदेश सरकार ने 100 बिस्तरों के सिविल अस्पताल जयसिंहपुर का दर्जा घटाकर अब इसे 50 बिस्तरों का कर दिया है, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने चार जुलाई को अधिसूचना भी जारी कर दी है। गौरतलब है कि जयसिंहपुर उपमंडल में क्षेत्रवासियों की लंबे अरसे से उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की मांग के चलते प्रदेश सरकार ने इस अस्पताल को समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से नागरिक चिकित्सालय में अपग्रेड किया था व 14 फरवरी, 2015 को प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने जयसिंहपुर दौरे के दौरान इस अस्पताल के 50 बिस्तरों के अतिरिक्त भवन की आधारशिला रखी थी जिसके बाद प्रदेश सरकार ने 12 अक्तूबर 2015 को हुई कैबिनेट मीटिंग में इसे 50 बिस्तरों से बढ़ाकर 100 बिस्तरों के अस्पताल का दर्जा दिया था व साथ ही 100 बिस्तरों के अस्पताल के लिए स्टाफ के लिए भी मंजूरी प्रदान की थी, लेकिन पिछले माह  24 जून को हुई कैबिनेट मीटिंग में इस अस्पताल को डी नोटिफाई कर अब 50 बिस्तरों का कर दिया है। प्रदेश सरकार के इस फैसले से जयसिंहपुर क्षेत्र  में उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की आस लगाए बैठी जनता को गहरा झटका लगा है। हैरानी यह है कि प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री द्वारा 14 फरवरी, 2015 को भवन का शिलान्यास करने के बावजूद आज तक इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है और न ही अभी तक इस अस्पताल में पूरे स्टाफ की नियुक्ति हो पाई है। भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रवि धीमान व जिला भाजयुमो अध्यक्ष राजीव राणा ने सरकार के इस फैसले पर कड़ा एतराज जताते हुए इस फैसले को वापस लेने की मांग की है उनका कहना है कि पिछले दो वर्षों में पहले इस अस्पताल को 50 बिस्तरों का दर्जा दिया गया फिर इसे बढ़ाकर 100 बेड का कर दिया और अब फिर 50 बेड का कर दिया है। इससे साफ पता चलता है कि प्रदेश सरकार का मकसद जयसिंहपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाना नहीं, बल्कि क्षेत्र की जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करना है। प्रदेश सरकार व स्थानीय विधायक यहां डाक्टरों व अन्य स्टाफ की नियुक्ति करने में पूरी तरह असफल रहे हैं।

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