ड्राइवरलेस कारें बचाएंगी जानें
सेल्फ ड्राइविंग कारें जल्द ही इनसानों की तरह खुद ही जिंदगी और मौत से जुड़े फैसले भी ले सकेंगी। वैज्ञानिकों ने पहली बार नैतिकता का मैथमेटिकल मॉडल तैयार किया है, जो भविष्य में रोबॉट्स पर अप्लाई किया जा सकेगा। इस मॉडल में एक सामान्य फॉर्म्युला इस्तेमाल हुआ है, जिसमें जीवित वस्तुओं के जीवन की कीमत या सर्वाइवल पर आधारित एक वरायटी उपलब्ध है। इससे गाडि़यां यह तय करने में सक्षम होंगी कि उन्हें एक्सीडेंट होने जैसी स्थिति में जानवरों या निर्जीव चीजों के बजाय ड्राइवर और राहगीरों, खासकर बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी है। अब तक ऐसा माना जाता था कि ये निर्णय संदर्भ पर आधारित होते हैं और ऐलगरिथम में इन्हें नहीं कहा जा सकता। जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ ओसनाब्रक के लियॉन सटफेल्ड ने कहा कि हमें इसके ठीक उल्टा मिला। विपदा की स्थिति में मानव व्यवहार का सीधा-सा फॉर्म्युला होता है, जो वैल्यू ऑफ लाइफ पर आधारित होता है। इसका मतलब है कि मानव के नैतिक व्यवहार को ऐलगरिथम से डिस्क्राइब किया जा सकता है।
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