प्रदेश में बनें तीन शिक्षा निदेशालय

By: Jul 23rd, 2017 12:01 am

शिक्षा सुधार मंच ने उठाई मांग; कहा, बढ़ेगी शिक्षा की गुणवत्ता

धर्मशाला— प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए तीन शिक्षा निदेशालयों के गठन की अति आवश्यकता है। इसमें प्रदेश सरकार से सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय के गठन की मांग की गई है, ताकि इस निदेशालय के तहत नौवीं से जमा दो तक की कक्षाआें तक के शिक्षा संबंधी कार्यों को देखे। राष्ट्रीय शिक्षा सुधार मंच ने इस मांग को प्रमुखता से उठाया है। मंच के संयोजक सदस्य अश्वनी भट्ट, संजय मोगू, तपिश थापा, विजय, शमशेर भंडारी व संजीव राणा ने कहा कि हिमाचल में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए तीन शिक्षा निदेशालयों का गठन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में केवल दो ही शिक्षा निदेशालय कार्य कर रहे हैं, जो प्रारंभिक निदेशालय व उच्च शिक्षा निदेशालय के नाम से कार्य कर रहे हैं। इसमें प्रारंभिक निदेशालय प्राथमिक पाठशालाओं के कार्य को देखता है, जबकि उच्च शिक्षा निदेशालय छठी से लेकर कालेज स्तर तक कि शिक्षण संस्थानों को देखता है। उन्होंने कहा कि मंच द्वारा प्रदेश के शिक्षाविदों से वार्ता करके  प्रदेश में तीसरे शिक्षा निदेशालय के रूप में सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय के गठन की आवश्यकता महसूस की है। यह निदेशालय नौवीं से जमा दो तक की शिक्षा संबंधी मामलों को देखे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उच्च शिक्षा निदेशालय ही स्कूलों व कालेजों के कार्यों को देख रहा है। उच्च शिक्षा निदेशालय में कालेज कैडर से ही निदेशक की नियुक्ति की जाती है, परंतु उन्हें सेकेंडरी स्तर पर पाठशालाओं के संचालन का अनुभव न होने के कारण इस वर्ग पर पूरा ध्यान नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तीन शिक्षा निदेशालय बनते हैं, तो इससे पहली से आठवीं तक का कार्य प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के तहत तथा नौवीं से जमा दो तक सेकेंडरी निदेशालय के अंतर्गत, जबकि कालेज स्तर का संचालन उच्च शिक्षा निदेशालय के तहत किया जा सकेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि मंच की इस मांग पर उचित कदम उठाए जाएं  जिससे कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में बेहतर सुधार हो सकें।

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