बिलासपुर में बवाल, पुतले फूंके
कोटखाई मामला : भाजपा ने रैली निकाल की जमकर नारेबाजी, नेपाली की मौत को बताया सोची-समझी साजिश
बिलासपुर — बिटिया के साथ हुई दरिंदगी के मामले में भाजपा ने प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। भाजपा ने शहर में रैली निकाल प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और चंपा पार्क में सरकार व पुलिस प्रशासन का पुतला भी जलाया। इस दौरान भारी संख्या में भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ महिलाएं भी उपस्थित रहीं। सरकार व पुलिस प्रशासन के खिलाफ किए गए प्रदर्शन को झंडूता के विधायक रिखीराम कौंडल, नयनादेवी के विधायक रणधीर शर्मा, पूर्व सांसद सुरेश चंदेल, भाजपा प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के सदस्य राजेंद्र गर्ग तथा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष ऊषा ठाकुर आदि ने संबोधित किया। नेताओं ने बिटिया प्रकरण समेत कई अन्य मामले उठाते हुए उन्होंने सरकार पर जमकर निशाना साधा। भाजपा नेताओं ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। गुडि़या के साथ हुई दरिंदगी से पूरे प्रदेश की जनता में अत्याधिक रोष है, लेकिन सरकार कानों में रुई डालकर बैठी है। प्रभावशाली व रसूखदार परिवारों से ताल्लुक रखने वाले आरोपियों को बचाने के लिए बेगुनाहों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। पुलिस कस्टडी में नेपाली मूल के युवक की हत्या हो गई और पुलिस को भनक तक नहीं लगी। मृतक नेपाली की पत्नी के खुलासे से यह साफ जाहिर हो गया है कि उसकी हत्या सुनियोजित ढंग से की गई थी। भाजपा नेताओं ने कहा कि बिटिया प्रकरण अत्याधिक संवेदनशील होने के बावजूद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को इसमें भी राजनीति सूझती रही। सरकार के कुछ मंत्रियों और कांग्रेस नेताओं ने बिटिया के लिए इनसाफ की आवाज उठाने की हिम्मत दिखाई है, लेकिन इस सरकार में रहते हुए ऐसा हो पाना मुश्किल लग रहा है। बेहतर होगा कि यह नेता प्रदेश सरकार और कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाएं, ताकि साथ मिलकर बिटिया के हत्यारों को दंड दिलवाया जा सके।
मौन रखने के लिए भी दो मिनट नहीं
बिलासपुर — बिटिया रेप व हत्याकांड को लेकर जिला कांग्रेस द्वारा आयोजित शोक सभा में जिला के बड़े कांग्रेसी नेताओं ने दूरी ही बनाई रखी। शोक सभा में बीस सूत्री क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष रामलाल ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव राजेश धर्माणी और सदर विधायक बंबर ठाकुर नहीं पहुंचे। तर्क दिया जा रहा है कि कांग्रेस की पथ यात्रा की पहले से हो चुकी तैयारियों के कारण ये बड़े नेता व्यस्त रहे। हालांकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा शुक्रवार को होने वाली पथ यात्राएं स्थगित कर दी गई थीं। इसके बावजूद जिला के किसी भी बड़े नेता ने बिटिया की आत्मिक शांति के लिए रखी गई बैठक में उपस्थित होना मुनासिब नहीं समझा। वहीं, जिला कांग्रेस अध्यक्ष कमलेंद्र कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित की गई इस बैठक में राज्यपाल से बिटिया रेप व हत्याकांड के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए जाने की मांग की गई। उधर, बैठक में जिला के बड़े कांग्रेस नेताओं का इस शोक सभा में नहीं पहुंचना भी चर्चा का विषय रहा। कांग्रेस नेता शुक्रवार को विरोध स्वरूप आयोजित की गई शोक सभा में भाग लेने के बजाय पथ यात्राओं में व्यस्त रहे।
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