बेटियों को प्रेरित करेगी ‘हिमाचल की मुस्कान’

By: Jul 13th, 2017 12:20 am

किताब में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली प्रदेश की 10 बेटियों की सफलता की कहानी

newsधर्मशाला— हिमाचल प्रदेश में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ मुहिम के तहत बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिए महिला एवं बाल विकास निदेशालय ने ‘हिमाचल की मुस्कान’ पुस्तक तैयार की है। इस पुस्तक में प्रदेश का नाम देश व विदेश में रोशन करने वाली 10 बेटियों का जिक्र किया गया है। पुस्तक के जरिए स्कूल व कालेज जा रही बेटियों को पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इतना ही नहीं, किताब में बेटियों के माता-पिता के बारे में भी लिखा है। किताब में गरीब या सामान्य घर से संबंध रखने वाली बेटियों की कहानी बताई गई है, जिन्होंने कड़ी मेहनत व सच्ची लगन से अपने जीवन को इस मुकाम तक पहुंचाया। पुस्तक में हिमाचल की पहली शूटर बिटिया सोनिया राय का वर्णन है। जिला कांगड़ा के बैजनाथ के अंतर्गत सुनपुर गांव से संबंध रखने वाली सोनिया रॉय ने 2006 में ब्राजील में आयोजित हुए वर्ल्ड कप में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक प्राप्त किया और 2010 में चीन में आयोजित एशियन गेम्स में रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। इसी तरह जिला चंबा के दूरदराज गांव देहरा से संबंध रखने वाली अपूर्वा शर्मा ने फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात होकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। उधर, ऊना की तहसील अंब के अंतर्गत आने वाले छोट से गांव ठठल से संबंध रखने वाली शालिनी अग्निहोत्री ने 2012 में आईएएस परीक्षा पास की, जिसमें उनका चयन भारतीय पुलिस विभाग में हुआ। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें 148 सदस्यीय बैच की सबसे उत्तम प्रशिक्षु अधिकारी घोषित किया गया। इस उपलब्धि के लिए अग्निहोत्री को प्रधानमंत्री बैटन और गृह मंत्रालय की रिवाल्वर से सम्मानित किया गया। इनके पिता एचआरटीसी से कंडक्टर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। जिला सिरमौर के शिलाई से संबंध रखने वाली प्रियंका नेगी ने कबड्डी में भारत का प्रतिनिधित्व कर 2012 में महिला विश्व कप में देश के लिए स्वर्ण पदक जीता। प्रियंका के पिता किसान हैं।  पुस्तक में शामिल जिला शिमला की तहसील सुन्नी के दुर्गम गांव गदेहरी की सुषमा वर्मा हिमाचल की पहली बेटी हैं, जो कि भारतीय क्रिकेट टीम में खेल रही हैं। सुषमा वर्मा विकेटकीपर के तौर पर भारतीय टीम में 2013 से खेल रही हैं। इनके पिता जेबीटी टीचर है। जिला शिमला से संबंध रखने वाली प्रतिभा चौहान ने पत्रकारिता के क्षेत्र में कड़ी मेहनत से कार्य कर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कई देशों की यात्रा कर अपनी कलम के माध्यम से तालीबान से लेकर तिब्बती मामलों और मानवहित की खबरें प्रकाशित कर जनता की आवाज को बुलंद किया है।  इसी तरह पुस्तक में शामिल जिला शिमला की तहसील कोटखाई के गांव पांदली की प्रज्वल बस्टा ने मात्र 21 साल की उम्र में प्रदेश की सबसे युवा पंचायत समिति सदस्य के साथ-साथ पंचायत समिति अध्यक्ष होने का गौरव प्राप्त किया है। प्रज्वल के पिता बागबान हैं। सोलन शहर से संबंध रखने वाली संजना गोयल ने 1992 में राष्ट्रीय स्तर की संस्था इंडियन एसोसिएशन ऑफ मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी की स्थापना की, जिसकी वह राष्ट्रीय अध्यक्ष है। संजना गोयल स्वंय मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी सें पीडि़त हैं। उन्हें इस पुनीत कार्य के लिए राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है। पुस्तक में शामिल जिला कांगड़ा के पपरोला गांव की बेटी शिल्पा शर्मा ने 2014 में सिविल सेवा परीक्षा में 259वां स्थान प्राप्त किया था। इसके बाद उनका चयन राजस्व विभाग में हुआ, लेकिन शिल्पा इस रिजल्ट से संतुष्ट नहीं थीं। उन्होंने आईएएस परीक्षा 2015 में दोबारा दी, जिसमें उन्होंने देश भर में 81वां रैंक हासिल किया। इनके पिता निजी परिवहन व्यवसायी हैं और माता आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। उधर, जिला कुल्लू के पर्यटन स्थल मनाली से संबंध रखने वाली डिक्की डोलमा ने 1993 में महज 19 वर्ष की आयु में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर विश्व की सबसे युवा महिला पर्वतारोही होने का गौरव प्राप्त किया। अपनी प्रतिभा के दम पर डिक्की डोलमा ने पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन किया।

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