मिताली की किताबी ताकत

By: Jul 2nd, 2017 12:08 am

जब फुर्सत के पलों में भी किताब पढ़ने की प्रवृत्ति कम होती जा रही है, तब निर्णायक क्षणों में किसी किताब के साए में चले जाने को आश्चर्यजनक ही माना जाएगा। इसीलिए भारतीय महिला क्रिकेट की कप्तान मिताली राज की एक तस्वीर इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है…

Utsavपढ़ने वालों के लिए किताब के कई मायने होते हैं। किताबें अतीत की आकृतियों को जीवंत कर देती हैं, भविष्य की खिड़की को खोलकर नए स्वप्न परोसती हैं,वर्तमान से हमारा परिचय कराती हैं और कुछ बेहतर करने की प्रेरणा देती हैं। हालांकि, एक खुरदरा तथ्य यह भी है कि हम जिस बाजारू दौर में जी रहे हैं, उसमें सोचने-समझने को बढ़ावा देने वाली किताबों का स्थान सिकुड़ता जा रहा है। रही-सही कसर टेलीविजन और सोशल मीडिया जैसे माध्यमों ने पूरी कर दी है। कभी फुर्सत के समय किताबों को पढ़ना, परिष्कृत मानसिकता का परिचायक माना जाता है। आज फुर्सत के सारे पल, टीवी और सोशल मीडिया ने चुरा लिए हैं। जब फुरसत के पलों में भी किताब पढ़ने की प्रवृत्ति कम होती जा रही है, तब निर्णायक क्षणों में किसी किताब के साए में चले जाने को आश्चर्यजनक ही माना जाएगा। इसीलिए भारतीय महिला क्रिकेट की कप्तान मिताली राज की एक तस्वीर इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है। इस तस्वीर में मिताली भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पहने हुए हैं और बड़ी शांति से एक किताब पढ़ रही हैं।  यह तस्वीर विश्वकप टूर्नामेंट में इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय पारी के दौरान बैटिंग से पहले की बताई जा रही है। मिताली राज का कहना था उन्हें पढ़ने का शौक है और यह एक बड़ी जिम्मेदारी निभाने से पहले खुद को शांत करता है। इस मैच में उनके प्रदर्शन की बदौलत भारत ने इंग्लैंड को 35 रनों से मात दी। इसके साथ ही उन्होंने वर्ल्ड रिकार्ड भी बनाया। इस मैच में मिताली ऐसी पहली महिला क्रिकेटर बनीं, जिसने पिछले अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैचों में लगातार सात बार अर्द्धशतक लगाए। इस मैच में उन्होंने 71 रन बनाए। प्रशंसकों में वह ‘कैप्टन कूल’ के रूप में जानी जाती हैं। इस मैच के बाद दिए गए साक्षात्कार में मिताली ने बताया कि जो किताब वह पढ़ रही थीं, वह 13वीं सदी के कवि रूमी की किताब थी। उन्होंने अपने कोच से यह किताब ली थी क्योंकि उन्हें अपना ई-रीडर लाने की इजाजत नहीं थी। इस तस्वीर के आने के बाद सोशल मीडिया पर उनके प्रशंसकों ने उनकी तारीफ की। तनाव भरे क्षणों में किताब के जरिए दिमाग को शांत करने का यह अनूठा प्रयास था और मिताली के प्रदर्शन ने भी इस बात को साबित किया कि उनकी ‘किताबी’ तकनीक में कितनी ताकत है। मिताली के किताबों से पे्रम के कारण उनका खेल तो बेहतर होता ही है, विचारों के स्तर पर भी वह मजबूत और स्पष्ट नजर आती हैं। इसी टूर्नामेंट के ठीक पहले प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान एक सवाल पर अपने जवाब से भी उनको खूब वाहवाही मिली थी। उनसे पूछा गया था कि उनका सबसे पसंदीदा पुरुष क्रिकेटर कौन है? उनका जवाब था कि क्या आप यही सवाल किसी पुरुष क्रिकेटर से पूछते हैं। क्या आप उनसे पूछते हैं कि आपकी सबसे पसंदीदा महिला क्रिकेटर कौन है? उनके उत्तर की काफी तारीफ हुई थी। गौरतलब है कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने सभी आठ महिला कप्तानों के लिए विशेष ट्विटर इमोजी बनाया है। इसे महिला खिलाडि़यों को लोकप्रिय बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। खेल की दुनिया अपने ऊल-जलूल फैशनों के लिए तो जानी ही जाती है, लसिथ मलिंगा जैसे क्रिकेटरों के शौक और फैशन आम आदमी को अजूबे जैसे लगते हैं। इससे हटकर मिताली का किताबी शौक सभी को एक अच्छी आदत अपनाने के लिए प्रेरित करता है।

-डा. जयप्रकाश सिंह


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