मोरनी में जान हथेली पर रख कर रहे सफर

By: Jul 19th, 2017 12:02 am

मोरनी — मोरनी में बसों में बढ़ती भीड़ से यहां पर कभी-भी बड़ा हादसा होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। यहां पर बसों के तो काफी टाइम हैं, मगर बसों के टाइम को सही तरतीब से सेटल न किए जाने से यहां पर बसों में दैनिक यात्रियों को जान हथेली पर रख कर बसों में सफर को विवश होना पड़ रहा है। यहां पर पहाड़ी क्षेत्र के कारण मोरनी के यात्री पूरे प्रदेश से ज्यादा किराया तो अदा करते हैं, मगर यहां पर खटारा बसों व कुछ चालकों की मनमानी के चलते यात्रियों को इतना किराया देकर भी बसों की छतों पर या भीड़ की वजह से खड़े होकर 35 किमी, का सफर करना पड़ता है। यहां पर बसों के टाइम को स्थानीय पंचायतों के साथ सलाह के बाद ही लागू करने की मांग पंचायती नुमाइंदो द्वारा की जा रही है। बसों के टाइम तो काफी हैं, मगर नए रूटों पर जैसे मोरनी से बडीशेर व मोरनी से टिककरताल तक चलने वाली बसों में भीड की हालत काफी खराब है। यहां पर इन बसों से जहां दूर दराज के लोग अपने बच्चों को पंचकूला व मोरनी पढ़ने भेजने लगे हैं, वहीं इन बसों में पहले ही स्थान की कमी है और ऊपर से बसों में भीड़ का आलम ये है कि इनमें पैर रखने को भी जगह नहीं होती।

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