सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में महाभीड़
नालागढ़ – सावन माह के पहले सोमवार को नालागढ़ के शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। श्रद्धालु माह के पहले सोमवार को लेकर सुबह से ही शिवालयों में दर्शन करने के लिए उमड़ने शुरू हो गए। इस दौरान भक्तों ने दूध-दही चढ़ाकर भगवान को प्रसन्न किया। ज्योषिचार्य के मुताबिक उत्तरी भारत में संक्रांति के बाद सावन माह का आरंभ होता है और श्रावण माह के पहले सोमवार से शुरू होकर वैधृत योग से वृद्धि योग पर संपन्न होगा और यह योग 50 सालों बाद आया है, जो कि शुभ फलदायक व सभी मनोकामना पूर्ण करेगा। जानकारी के अनुसार शनिवार से सावन माह का आगाज होने के उपरांत आए पहले सोमवार को श्रद्धालुओं ने क्षेत्र के शिव मंदिरों में शीश नवाया और भारी संख्या में कतारों में खडे़ नजर आए। नालागढ़ शहर के वार्ड-एक स्थित शिव मंदिर, शहर के गबला कुंआ, चोये वाला मंदिर, बाबा भारती, एकादश रूद्र मंदिर चुहूवाल, तालाब वाला मंदिर, भल्लेश्वर महादेव मंदिर, बाबा बर्फानी शिव मंदिर आदि शिवालयों में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पहुंचे, जहां श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर शीश नवाया। बता दें कि सावन माह पूरी तरह भगवान शिव की आराधना करने के लिए समर्पित रहता है और इस माह में शिव पंचाक्षर मंत्र व गायत्री मंत्र का जाप अति फलदायक है। इस माह के सभी सोमवार भोलेनाथ की भक्ति, उपासना, जलाभिषेक के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं। इस माह में आने वाले सोमवार के व्रत साल भर में किए गए व्रतों के बराबर फल देता है। सावन माह में सच्चे मन से भोले नाथ का पूजन करने से प्रत्येक मनोकामना पूरी होती है। प्रेम ज्योतिष संस्थान नालागढ़ के पंडित प्रेम शर्मा ने कहा कि उत्तरी भारत में संक्रांति के बाद सावन माह आरंभ होता है। उन्होंने कहा कि इस बार श्रावण मास में पांच सोमवार आए हैं और दूसरा ज्येष्ठ सोमवार 17 को, तीसरा सोमवार शुक्ल प्रतिपदा पुष्ण नक्षत्र में सिद्धी योकोग में महान फलदाय नवरात्र प्रथम दिवस पूरे वर्ष का फल इसमें प्राप्त होगा। चौथी अष्टमी शुभ योग है और सात अगस्त को पांचवें सोमवार को श्रवण नक्षत्र आयुष्मान योग पूर्णिमा के साथ सर्वाथ सिद्ध योग में शिव की अनंत कृपा प्राप्त होगी।
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