सौरभ गलोडा प्रदेश के पहले गैस्ट्रो-लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन
नादौन — डा. सौरभ गलोडा हिमाचल प्रदेश के पहले गैस्ट्रो एवं लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन बन गए हैं। गत माह ही उन्होंने आईजीएमसी शिमला के जनरल सर्जरी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर गैस्ट्रो एंटरोलॉजी सर्जरी का कार्यभार संभाला है। नादौन के डा. सौरभ गलोडा की इस उपलब्धि पर उनके घर में बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। डा. सौरभ गलोडा के पिता डा. नरेश गलोडा प्रदेश के जाने माने सर्जन हैं और उनकी माता डा. सुनीता गलोडा भी स्वास्थ्य विभाग से बतौर वरिष्ठ चिकित्सक सेवानिवृत्त हुई हैं, जो कि अब विभाग से सेवानिवृत्ति होने के बाद हमीरपुर में अपना निजी अस्पताल चलाते हैं। डा. सौरभ की पत्नी डा. शिवानी हार्ट स्पेशलिस्ट हैं। डा. गलोडा मूल रूप से नादौन के वार्ड नंबर पांच में रहते हैं, जहां अभी भी डा. नरेश गलोडा के दो भाइयों का परिवार रहता है। डा. सौरभ आईजीएमसी शिमला से 2005 में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद 2011 में सवाई मानसिंह मेडिकल कालेज जयपुर से एमएस जनरल सर्जरी की है, 2015-17 में उन्होंने सुपर स्पेशिलाइजेशन एमसीएच सर्जिकल गैस्ट्रो एंटरोलॉजी का प्रशिक्षण देश के प्रतिष्ठित संजय गांधी पीजीआई संस्थान लखनऊ से प्राप्त किया है। इस दौरान उन्होंने लीवर एवं पित्त की थैली के कैंसर की सर्जरी, पैंक्रियास इंसुलिन ग्रंथि में सूजन, पैंक्रियाटाइटिस एवं कैंसर की सर्जरी, भोजन की नली, पेट एवं आंतों के कैंसर की सर्जरी, लेप्रोस्कोपिक विधि से पित्त की थैली, अपेंडिक्स, तिल्ली, छोटी एवं बड़ी आंत की सर्जरी, मोटापा कम करने की सर्जरी एवं लिवर ट्रांसप्लांट की विधि का प्रशिक्षण एवं अनुभव ग्रहण किया है। उनके आईजीएमसी में ज्वाइन करने से गैस्ट्रो के किसी भी प्रकार के रोगों से पीडि़त मरीजों को आपरेशन के लिए प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
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