15 साल नौकरी, फिर भी कच्ची
कैबिनेट मंजूरी पर भी नियमित नहीं किए जा रहे कर्मचारी
बिलासपुर – स्वास्थ्य विभाग में प्रदेश भर में अनुबंध आधार पर कार्यरत 1500 कर्मचारी पिछले 15 साल से नियमित होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। विडंबना यह है कि डेढ़ साल पहले हुई मंत्रिमंडल की मीटिंग में इस वर्ग को नियमित करने के लिए स्थायी नीति को मंजूरी दी गई थी लेकिन आज तक इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है जिसके चलते इस वर्ग में सरकार के प्रति भारी रोष पैदा हो गया है। रविवार को यहां स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत अनुबंधित कर्मचारी समिति हिमाचल प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष दुष्यंत चौहान, प्रदेश महासचिव अशरफ खान, प्रेस सचिव राजकुमार व वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न समितियों के तहत लगभग डेढ़ हजार कर्मचारी पिछले 15 वर्षों से कार्यरत हैं तथा स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाने में महत्त्चपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा इन कर्मचारियों के हित के लिए कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जिस कारण कर्मचारियों में भारी रोष पनप रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 16 फरवरी, 2016 को इन कर्मचारियों के नियमितीकरण की स्थायी नीति को कैबिनेट स्तर पर मंजूरी दी थी, लेकिन बीते डेढ़ साल में मात्र कैबिनेट की मंजूरी आश्वासन तक समिति रह गई है। विभागीय तौर पर इसे आज तक अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। उन्होंने कहा कि पिछली तीन कैबिनेट बैठकों से कर्मचारियों को पूर्ण विश्वास था कि इनके लिए कुछ खास होगा, लेकिन कुछ भी निर्णय न होने से कर्मचारी निराश हो गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हर वर्ग के कर्मचारियों के लिए कई महत्त्वपूर्ण एवं सराहनीय कदम उठाए है तो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के कर्मचारियों के लिए क्यों कुछ नहीं किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि आगामी कैबिनेट की बैठक में कुछ खास होने की उम्मीद कर्मचारियों में जगी है।
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