रिसर्च में खरा उतरा एचआरएमएन-99
इम्फाल के आईसीएआर में जांच, दो वर्ष के पौधों ने दिया फल
घुमारवीं— गर्म जलवायु वाले राज्यों में सेब उगाने के लिए खेतों के वैज्ञानिक प्रगतिशील बागबान हरिमन शर्मा की विकसित की गई वैरायटी एचआरएमएन-99 इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (आईसीएआर) यूनिवर्सिटी की कसौटी पर खरी उतरी है। मणिपुर के इम्फाल में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद उत्तरपूर्वी पर्वतीय क्षेत्र अनुसंधान में की गई जांच में इस वैरायटी के पौधों पर लगे सेब उत्तम पाए गए हैं। यूनिवर्सिटी में की जांच में एचआरएमएन-99 सेब के फलों का औसतन वजन 175 ग्राम आया है। यूनिवर्सिटी ने सेब में उत्तम पाई गई रिपोर्ट की कापी एनआईएफ अहमदाबाद को भेजी है, जहां से इसकी रिपोर्ट प्रगतिशील बागबान हरिमन शर्मा को दी गई है। यूनिवर्सिटी ने अपनी इस रिपोर्ट में सेब का वजन व आकार सहित अन्य खूबियों की जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक बिलासपुर के उपमंडल घुमारवीं के पन्याला गांव के प्रगतिशील बागबान ने एनआईएफ के माध्यम से करीब दो साल पहले मणिपुर राज्य में गर्म जलवायु में उगने वाले सेब की वैरायटी एचआरएमएन-99 के लगभग 150 पौधे भेजे थे, जिनमें अब भरपूर फल आने शुरू हो गए हैं। इसमें सेब के फल का औसतन वजन 173.42 ग्राम बताया गया है। यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने रिसर्च की रिपोर्ट एनआईएफ गुजरात को भेजी है, जहां से इसकी कापी बागबान हरिमन शर्मा को भी दी गई है। विदित रहे कि इस वैरायटी के पौधे आज लगभग देश भर के राज्यों में लहलहा रहे हैं, जिनमें अधिकांश राज्यों में इन सेब के पौधों ने फल देना शुरू कर दिया है। मणिपुर राज्य के लिए हरिमन शर्मा के पास एनआईएफ गुजरात के माध्यम से 150 पौधों की डिमांड पहुंची थी।
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