आश्रमों में विकास, औरों को सेंक्चुरी

By: Aug 21st, 2017 12:05 am

ददाहू, श्री रेणुकाजी – सुप्रसिद्ध तीर्थ एवं पर्यटन स्थल श्री रेणुकाजी मे वाइल्ड लाइफ  सेंक्चुरी एरिया के चलते धार्मिक आस्था ओर सेंक्चुरी नियमों में वर्षों से खींचतान चल रही है। पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि सुप्रसिद्ध तीर्थ श्रीरेणुकाजी ऊतरी भारत का आस्था का केंद्र है। मगर यहां का विकास ठप पड़ा है। वहीं लोगों का कहना है कि रेणुका विकास बोर्ड सेंक्चुरी  नियमों के चलते यहां पर कोई भी विकास कार्य मुक्त रूप से नहीं कर पाता है। जबकि रेणुका झील के समीप साधु-संतों के आश्रमों में धड़ल्ले से निर्माण कार्य हो रहा है। क्या उनके लिए रेणुका मे कोई सेंक्चुरी नियम नहीं है। यह सवाल रेणुका आने वाले प्रत्येक पर्यटक पर्यावरण प्रेमी का होता है। मगर यहां आस्था नियमों पर भारी पड़ जाती है। साथ ही साधू समाज का तर्क है कि उनके आश्रम यहां वाइल्ड लाइफ  ओर सेंक्चुरी   क्षेत्र से पूर्व के स्थापित है। यह मुद्दा प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष भी साधु समाज ने रेणुका दौरे के दोरान लाया था। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी कहा है कि साधू-संत यहां पर सदियों से है,जिसके चलते इन्हें न छेड़ा जाए। इस पर तत्कालीन कार्रवाई भी वाइल्ड लाइफ  ने बंद कर दी थी। हांलाकि अब साधुओं के आश्रम यहां पर व्यापारिक केंद्र के रूप में उभर रहे है। आश्रमों के कैंपस में दुकानों निर्माण हो चुकी है। गौर हो कि प्रदेश में 775 गांव  सेंक्चुरी  क्षेत्र से बाहर करने की कवायद में श्रीरेणुका सेंक्चुरी क्षेत्र के भी चार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में से 0.6 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र बाहर होना है। जिसमें साधुओं के आश्रम,रेणुका मेला मैदान,विकास बोर्ड कार्यालय समेत एरिया शामिल है। मगर इस चार वर्षों के बीत जाने के बाद भी एरिया डिनोटिफाई नहीं हो पाया है। जबकि यहां पर वाइल्ड लाइफ  के नियमों ओर आस्था में हमेशा से ही खींचतान रही है। गौर हो कि साधुओं के आश्रम रेणुका में स्थित है। भूमि वाइल्ड लाइफ की है, जबकि साधू समाज इन पर अपना कब्जा बताता है। लिहाजा विभाग,प्रशासन भी इस पेचीदा मामले को अधिक नहीं छेड़ता है, मगर कुछ बुद्धिजीवी तथा पर्यावरण प्रेमी इस केमिस्ट्री को न समझते हुए सवाल उठा देते है। उधर, वाइल्फ  लाइफ  शिमला डिवीजन के डीएफओ राजेश शर्मा ने बताया कि इस मामले में सेंक्चुरी  नियम भी है, मगर साधुओं के आश्रम सेंक्चुरी  से पूर्व के है यह मामला भी है। उन्होंने कहा कि एरिया को डिनोटिफाई के लिए प्रकिया चली है। जिसके बाद विवाद हल हो जाएगा।

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