आसाराम मामले में देरी पर गुजरात सरकार को फटकार
नई दिल्ली— उच्चतम न्यायालय ने जेल में बंद प्रवचनकर्ता आसाराम के खिलाफ बलात्कार मामले की सुनवाई में देरी को लेकर गुजरात सरकार को सोमवार को कड़ी फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार के वकील से पूछा कि बलात्कार पीडि़ता से आज तक पूछताछ क्यों नहीं की गई? न्यायालय ने राज्य सरकार के वकील से इस संदर्भ में एक हलफनामा दायर करने को कहा था। हालांकि इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की जमानत याचिका भी खारिज कर दी। इससे पहले अप्रैल में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने निचली अदालत को निर्देश दिया था कि वह इस मामले में सुनवाई में तेजी लाए। पीठ ने तब कहा था कि निचली अदालत को निर्देश दिया जाता है कि वह गवाहों से पूछताछ का काम यथाशीघ्र करे। जोधपुर पुलिस ने आसाराम को तीन अगस्त, 2013 को गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में बंद है। सूरत की एक महिला ने आरोप लगाया था कि प्रवचनकर्ता आसाराम ने 1997 से लेकर 2006 तक उसके साथ बलात्कार किया था। इस दौरान वह अहमदाबाद सिटी स्थित आश्रम में रह रही थी।
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