ईमानदार-सजग पुलिस पर पहली बार बडे़ सवाल

By: Aug 31st, 2017 12:10 am

प्रदेश के जांबाज और निर्भीक अफसरों ने राष्ट्रीय स्तर पर भी कमाया नाम, चुटकियों में सॉल्व किए बड़े केस

NEWSशिमला – कोटखाई छात्रा गैंगरेप व मर्डर मिस्ट्री मामले में भले ही हिमाचल पुलिस की एसआईटी की कार्य प्रणाली पर बड़े सवाल उठ रहे हों, बावजूद इसके प्रदेश पुलिस के अधिकारी व जवान ईमानदारी व सजगता में कहीं भी कम नहीं रहे हैं। हिमाचल पुलिस ने ही वन माफिया की कमर तोड़ी थी। इसके लिए मौजूदा डीजीपी फायर व होमगार्ड एसआर मरड़ी के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं। पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी ने घूसखोर आईएएस अधिकारियों के खिलाफ बड़े खुलासे किए थे। यह अलग बात रही कि संबंधित फाइलें बंद होती रहीं, मगर इस पुलिस अधिकारी ने जज्बा जरूर दिखाया था। इस केस में अधिकारियों व राजनीतिज्ञों की मिलीभगत कैसे होती है, यह बड़ा खुलासा हो सकता है। इस मामले की आडियो कैसेट तक मौजूद बताई जाती है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात आईपीएस अधिकारी संजय कुंडू ने रघुनाथ मंदिर में मूर्तियों की चोरी का भंडाफोड़ किया था। इस मामले के तार अंतरराष्ट्रीय गिरोह से भी जुड़े थे, मगर पुलिस ने तत्परता से छानबीन करते हुए मूर्तियां बरामद कर लीं। शिमला जिला के कई हिस्सों में प्राचीन मूर्तियों के चोरों की धरपकड़ करने में पुलिस अधिकारी बेमिसाल रहे हैं। यह पहला मौका है कि कोटखाई मामले में वर्दी पर दाग लगता दिख रहा है। दशकों पूर्व चंबा के हरिराय मंदिर से भगवान विष्णु की मूर्ति चोरों ने मुंबई बंदरगाह पहुंचा दी थी। पुलिस ने कुछ ही दिनों में मूर्ति भी बरामद की और चोर भी धर दबोचे थे। आईपीएस अधिकारी हिमांशु मिश्रा जो वर्तमान में आईजी एपीटी हैं, उन्होंने विजिलेंस में तैनाती के दौरान बड़े घोटालों की जांच में जिस ईमानदारी का परिचय दिया, वह आज भी याद किया जाता है। पुलिस में ऐसे भी अधिकारी है, जिन्होंने कभी भी राजनेताओं के आगे घुटने नहीं टेके। इनमें विनोद कुमार भी शामिल हैं, जो मौजूदा सरकार में विजिलेंस में रहे, अब लंबी छुट्टी पर हैं। आईपीएस अधिकारी सतवंत अटवाल हिमाचल कैडर की ऐसी पहली अधिकारी हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार बीएसएफ में बतौर आईजी तैनात हुई हैं। साइबर क्राइम में उन्होंने बेहतरीन काम किया। एएसपी शिमला रहते हुए भजन देव नेगी ने अरसे से ड्रग किंगपिन दीपराम को पकड़ने में सफलता हासिल की। शिमला के पूर्व एसपी अभिषेक दुल्लर के नाम से आज भी माफिया व चोर कांपते हैं। पूर्व एसएचओ जगदीश चंद शर्मा की कर्त्तव्य परायणता व ईमानदारी आज भी शिमला के लोग मानते हैं। डीएसपी महेंद्र मिन्हास ने नूरपुर में रहते हुए ड्रग माफिया की नींद उड़ाई। ऐसे ही अफसरों में आसिफ जलाल का नाम भी शामिल है। पूर्व एसपी स्व. देशराज शर्मा का नाम भी उल्लेखनीय है।

गांधी माफिया के लिए खौफ

एसपी संजीव गांधी ड्रग माफिया के लिए खौफ माने जाते हैं। कांगड़ा में उन्होंने नशे के कारोबारियों के खिलाफ जो मुहिम छेड़ी, उसे आज भी याद किया जाता है। अब ऊना में कईयों की नींद उड़ी है।

एसपी गौरव सिंह की सख्ती

लाहुल-स्पीति के एसपी गौरव सिंह ने घूसखोर 22 पुलिस जवानों को सस्पेंड किया था। इन पर फौजियों से रिश्वत लेने का आरोप था। बद्दी में रहते हुए इन्होंने खनन माफिया के खिलाफ बड़ी मुहिम छेड़ी थी।

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं ? भारत मैट्रीमोनी में निःशुल्क रजिस्टर करें !


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App