उलझी है अभी भी गुत्थी नहीं मिलीं टेस्ट रिपोर्ट्स
सीबीआई को हाई कोर्ट में आज देनी है स्टेटस रिपोर्ट
शिमला— कोटखाई गैंगरेप व मर्डर मिस्ट्री की गुत्थी यदि गुरुवार तक स्टेटस रिपोर्ट में सुलझाने का दावा भी पेश हो जाता है, तो इस बड़े मामले में सीबीआई को सलाम किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक यह मामला और पेचिदा बनता जा रहा है। हालांकि सीबीआई को फोरेंसिक एविडेंस के आधार पर यह मामला सुलझाने की पूरी उम्मीद है, मगर जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक न तो अभी तक सीबीआई द्वारा लिए गए नमूनों की जांच रिपोर्ट आ सकी है, न ही फोरेंसिक साइंस लैब जुन्गा की रिपोर्ट्स पेश की जा सकी है। बताया जाता है कि सीबीआई ने एफएसएल जुन्गा में भी रिपोर्ट्स के लिए संपर्क किया था, मगर वहां भी अरसा पहले लिए गए नमूनों की जांच रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी है। सीबीआई द्वारा इस मामले में अब तक 12 लोगों के डीएनए टेस्ट करवाए गए हैं। जांच एजेंसी दिल्ली स्थित अपनी ही लैब से इनकी रिपोर्ट्स के इंतजार में है, मगर अभी तक वह तैयार नहीं बताई जा रही। इसके पीछे इस बात का हवाला दिया जा रहा है कि देश के अन्य हिस्सों में भी कई मामलों की रिपोर्ट्स तैयार की जा रही हैं, लिहाजा दिक्कतें पेश आ रही हैं। यदि गुरुवार तक ऐसी रिपोर्ट्स आ जाती है, तो यह खुद में बड़ी बात होगी। सूत्रों का दावा है कि सीबीआई के लिए सबसे बड़ा सवाल यही है कि असल गुनहगार कौन है। बताया जाता है कि पकड़े गए नेपालियों व गढ़वालियों की इस मामले में कोई बड़ी संलिप्तता भी तय नहीं हुई है। पर्दे के पीछे के असल गुनहगार तभी सामने लाए जा सकते हैं, जब डीएनए रिपोर्ट्स में उनके इस घृणित कार्य की पुष्टि हो सकती हो और ऐसी रिपोर्ट्स के लिए इंतजार किया जा रहा है। इसी मामले में सीबीआई द्वारा दो चश्मदीद गवाहों को तैयार करने का भी दावा सूत्रों ने किया है, जो इस मामले को सुलझाने में मददगार साबित हो सकते हैं। गुरुवार को प्रदेश उच्च न्यायालय में सीबीआई क्या स्टेटस रिपोर्ट दायर करेगी, इस पर पूरे प्रदेश की नजरें टिकी हैं। इससे पहले भी जांच एजेंसी द्वारा तीन महीने का वक्त मांगा गया था, मगर अदालत ने उसे 17 अगस्त तक का ही समय दिया था।
चार घंटे पहले खाया था खाना
छात्रा ने चार जुलाई को स्कूल में ही अपनी सहेलियों के साथ कड़ी, चावल व दाल खाई थी। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हुआ है कि घटना से करीब चार घंटे पहले उसने खाना खाया था।
फांसी की मिले सजा
छात्रा की मां का कहना है कि इस बात की पूरी उम्मीद है कि 17 अगस्त को सीबीआई हाई कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट पेश कर देगी। वह चाहती हैं कि जिस तरह की दरिंदगी उनकी बच्ची के साथ की गई, वैसे ही फांसी की सजा उन दरिंदों को भी मिले, जिन्होंने बहशीपन की सारी हदें लांघ दी।
नहीं ली कभी लिफ्ट
छात्रा की मां व भाई के मुताबिक उन्होंने कभी भी किसी भी गाड़ी में लिफ्ट नहीं ली। वे तो दोनों साथ ही घर लौटते थे। वह शायद अभागा दिन था, जिस दिन छात्रा अकेले ही घर को निकल पड़ी थी और दरिंदगी का शिकार हो गई।
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