एसएमसी के लिए नहीं बनेगी पालिसी

By: Aug 9th, 2017 12:01 am

शिमला  — एसएमसी के लिए कोई पालिसी नहीं बन सकती, क्योंकि इन शिक्षकों की तैनाती अस्थायी तौर पर की गई थी। यह बात मुख्यमंत्री ने ज्ञापन देने पहुंचे एसएमसी शिक्षकों को कही। उधर, सरकार की ओर से ठोस नीति न बनाए जाने से नाराज चार हजार एसएमसी शिक्षकों ने मंगलवार को कक्षाओं का बहिष्कार किया। शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने सचिवालय पहुंचे। इस दौरान स्कूलों में पढ़ाई भी प्रभावित हुई। वहीं, मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिक्षकों को दोटूक कहा कि एसएमसी के लिए पॉलिसी नहीं बन सकती, क्योंकि इन शिक्षकों की भर्तियां अस्थायी तौर पर नियमित शिक्षकों के विकल्प के तौर पर की गई थीं और पहले ही स्पस्ष्ट किया गया था कि ये अस्थायी नियुक्तियां हैं। ऐसे में उनके लिए किसी भी सूरत में पालिसी नहीं बन सकती। वहीं, एसएमसी शिक्षकों ने सरकार को दोटूक शब्दों में चेतावनी दी है। यदि 15 अगस्त तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता तो सभी शिक्षक कक्षाओं का सामूहिक बहिष्कार कर आंदोलन पर उतर सकते हैं। उनके ऐसा करने से स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है। वहीं, सरकार इन शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी करेगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। एसएमसी शिक्षकों का कहना है कि पिछले काफी समय से वे स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। महज पांच हजार रुपए मानदेय दिया जाता है और दूसरे शिक्षकों की तरह उन्हें न तो वेतन वृद्धि का लाभ दिया जा रहा है और न ही नीति बनाई जा रही है। पीरियड बेस एसएमसी शिक्षक संघ ने अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को गुमराह करने का आरोप लगाया है। संघ के अध्यक्ष अनिल, महासचिव मनोज, उपाध्यक्ष कमल जोशी, पवन नेगी ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में पीटीए, पैरा टीचर, प्राथमिक सहायक अध्यापकों व कम्प्यूटर अध्यापकों को सरकार की ओर से वन टाइम ट्रांसफर, मेडिकल व कैजुअल लीव, शैक्षणिक योग्यता के लिए समय अवधि बढ़ाना, रेगुलर के समान वेतन जैसे कई लाभ मिले हैं, लेकिन एसएमसी शिक्षकों के लिए कोई घोषणा नहीं की गई है।

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