… और मनोरमा बन गईं किसान

By: Aug 27th, 2017 12:07 am

नौणी यूनिवर्सिटी में कैंप में पहुंची कुल्लू की किसान ने रखे विचार, विशेषज्ञों ने दिए टिप्स

newsसोलन- डा. वाईएस परमार बागबानी एवं वानिकी यूनिवर्सिटी नौणी के विस्तार शिक्षा निदेशालय द्वारा बागबानी फसलों की उत्पादन प्रौद्योगिकी पर छह दिवसीय चार प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। यह शिविर 21 से 26 अगस्त तक आयोजित किए गए, जिसमें हमीरपुर, मंडी, कुल्लू व सोलन के 25-25 किसानों ने भाग लिया। यह शिविर सतलुज जल विद्युत निगम शिमला द्वारा प्रायोजित थे। इन शिविरों के प्रशिक्षण समन्वय डा. अनिल सूद, डा. मोनिका तोमर, डा. पंकज गुप्ता व डा. विमल चौहान थे। यह शिविर संयुक्त निदेशक प्रशिक्षण डा. राजेश भल्ला के सहयोग से निदेशक डा. विजय सिंह ठाकुर की देख-रेख में हुए। इस दौरान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने उन्हें फल, फूल, सब्जी उत्पादन के साथ-साथ मधुमक्खी पालन पर जानकारी दी गई। समापन समारोह में निदेशक विस्तार शिक्षा डा. विजय सिंह ठाकुर ने बताया कि हमारे किसान हर जिला में फल, फूल, सब्जी उत्पादन कर सकते हैं। इस मौके पर कुल्लू से आई किसान मनोरमा ठाकुर ने प्रशिक्षण के दौरान दिए गए वक्तव्यों को जहां उपयोगी बताया वहीं उन्होंने कहा कि वह प्रधान हैं और वकील का पेशा छोड़कर खेती-बाड़ी से जुड़ी हैं। इसलिए उन्हें इस शिविर से काफी कुछ सीखने को मिला। उन्होंने भविष्य में भी इसी प्रकार के प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने का आग्रह किया। हमीरपुर के बनाल गांव के किशोर चंद ने शिविर में दी गई जानकारी को महत्त्वपूर्ण बताया। पीआरओ अनिल सूद ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान किसानों को पाठन सामग्री के साथ-साथ बैग किट व 1400 रुपए प्रति व्यक्ति स्टाइफंड भी दिया गया।

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