कोख में मारी होती, नहीं बनती कैप्टन

By: Aug 10th, 2017 12:05 am

गगरेट — महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्त्वावधान में विकास खंड गगरेट की ग्राम पंचायत दियोली में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बुधवार को एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में जिला प्रशासन द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की घोषित की गई ब्रांड एंबेसेडर कै. श्वेता कंवर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता सीडीपीओ सतनाम सिंह ने की। कै. श्वेता कंवर ने कहा कि जो समाज बेटियों की कोख में ही कब्रगाह बना रहा है वह समाज कभी भी उन्नति के शिखर पर नहीं पहुंच सकता। कै. श्वेता कंवर ने कहा कि अगर उनके मां-बाप ने भी उन्हें कोख में मार दिया होता तो वह आज शायद आज भारतीय सेना में जाकर देश की सेवा न कर पाती। ये उनके मां-बाप के प्रयत्नों के ही परिणाम हैं कि आज वह भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर तैनात हैं। उन्होंने कहा कि जिला ऊना से ही कई बेटियां आईपीएस अधिकारी बनी हैं तो कई बेटियां न्यायिक सेवाओं में सेवाएं दे रही हैं। उन्होंने कहा कि बेटियों से घृणा नहीं, बल्कि उन्हें प्यार दें, ताकि वे भी सफलता के नए आकाश छू सकें। इससे पहले सीडीपीओ सतनाम सिंह ने कहा कि एक समय ऐसा भी था, जब जिला का शिशु लिंग अनुपात 875 लड़कियां प्रति हजार लड़के पहुंच गया था, लेकिन जिला प्रशासन व समाज के जागरूक लोगों के प्रयासों से अब यह आंकड़ा नौ सौ को पार कर 914 लड़कियां प्रति हजार लड़के पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि कै. श्वेता कंवर जनता के आगे मिसाल हैं। इसलिए बेटियों को कोख में न मारें, बल्कि उन्हें भी पूरा प्यार दें। इस अवसर पर वृत्त पर्यवेक्षक आरती ठाकुर सहित कई महिलाएं मौजूद थीं।

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