चुनाव आयोग में उलझा राज्यसभा सीट का रण

By: Aug 9th, 2017 12:08 am

कानूनी अड़चन के कारण समय पर शुरू नहीं हुई काउंटिंग

NEWSNEWSगांधीनगर— गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का बड़ा प्रश्न बनी अहमद पटेल की राज्यसभा सीट पर हुई वोटिंग का विवाद मंगलवार शाम होते-होते चुनाव आयोग में उलझ गया। खबर लिखे जाने तक दोनों दलों के बड़े-बडे़ नेता तीन-तीन बार चुनाव आयोग के सामने अपना-अपना पक्ष रख चुके थे, लेकिल विवाद का कोई हल दिखता नजर नहीं आ रहा था। प्रदेश की तीनों राज्यसभा सीटों के लिए मंगलवार को मतदान समय से पहले ही पूरा हो चुका था, लेकिन तय समय पर वोटों की गिनती शुरू नहीं हो सकी। दरअसल हुआ यूं कि कांग्रेस ने अपने दो विधायकों द्वारा विरोधी गुट के प्रत्याशी को मत देने और अपने मतपत्र प्रदर्शित करने को लेकर उनके वोट अवैध करार दिए जाने की मांग करते हुए चुनाव आयोग के समक्ष मतगणना रोकने की मांग उठाई। इसके बाद भाजपा की ओर से भाजपा नेता अरुण जेटली, रवि शंकर और निर्मला सीतारमन भी चुनाव आयोग पहुंचे। इस दौरान भाजपा नेता पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान और एमए नकवी भी साथ थे। वहीं, कांग्रेस ने भी खबर लिखे जाने तक तीन बार चुनाव आयोग का रुख किया और कांग्रेस के दो बागी विधायकों राघवजी पटेल और भोलाभाई पटेल का वोट रद्द करने की मांग की। भाजपा के रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस को लग रहा है कि वे हार रहे हैं तो वे बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस ने सुबह इसका विरोध नहीं किया था। हमने चुनाव आयोग से कांग्रेस की याचिका रद्द करने का अनुरोध किया है। जब एक बार मतदान हो चुका है, तब कुछ नहीं किया जा सकता। उधर, कांग्रेस ने कहा कि हमने उसी समय मांग की थी, लेकिन चुनाव आयोग ने कहा था कि वीडियो देखने के बाद फैसला लिया जाएगा। आनंद शर्मा ने कहा हमारे एक विधायक ने हरियाणा में अपना वोट दिखा दिया था और उनका वोट रद्द कर दिया गया था। ऐसा ही गुजरात में हुआ है तो यह वोट भी रद्द होना चाहिए। कांग्रेसी नेता अर्जुन मोढवाडिया ने कहा कि हमने आग्रह किया था कि कांग्रेस, भाजपा और पीठासीन अधिकारी साथ में वीडियो देखें, लेकिन भाजपा ने विरोध किया। इससे पहले राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान हुआ। एक-एक मत के महत्त्व वाले इस चुनाव में मतदान के दौरान कांग्रेस के आठ विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग करने की खबर है। इनमें उन 44 विधायकों में से एक विधायक साणंद के करम सिंह पटेल भी शामिल है, जिन्हें कांग्रेस टूट से बचाने के लिए बंगलूर के एक रिजॉर्ट में ले गई थी। इसके चलते कांग्रेस के पोलिंग एजेंट शक्तिसिंह गोहिल के साथ उनकी कहासुनी भी हुई। उधर, जदयू के एकमात्र विधायक छोटू वसावा ने पार्टी लाइन से हटकर कांग्रेस के पक्ष में वोट दिया। एनसीपी के दो विधायकों में से भी एक वोट कांग्रेस को मिलने की बात कही गई है।

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