छह महीने से नहीं मिला वेतन

By: Aug 30th, 2017 12:05 am

करसोग  —  नौकरी पटवारियों के पास अंशकालीन कार्यकर्ता की, मानदेय मात्र तीन हजार रुपए महीना, फिर भी पिछले लगभग छह महीनों से संबंधित वर्ग को अपनी पगार के लिए तरसना पड़ रहा है। फरवरी, 2017 के बाद पटवारियों की सहायता के लिए तैनात किए गए उपमंडल करसोग में अंशकालीन कार्यकर्ताओं को मानदेय नहीं मिला है, जिसके लिए वह एसडीएम करसोग, तहसीलदार करसोग, जिलाधीश मंडी तथा मुख्यमंत्री को मानदेय भुगतान वाला मामला उठा चुके हैं। बावजूद इसके राजस्व विभाग में तैनात किए गए अंशकालीन कार्यकर्ताओं को लगभग छह महीने का मानदेय भुगतान नहीं हो पाया है। इस स्थिति में अंशकालीन कार्यकर्ता महंगाई की आग में परिवार का कैसे गुजारा कर रहे हैं, किस प्रकार अपने बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। इसका अनुमान सहज लगाया जा सकता है। अंशकालीन कार्यकर्ता कार्यकारिणी करसोग के अध्यक्ष डाबर राम व सचिव तनुजा ने कहा कि पिछले वर्ष अक्तूबर-नवंबर में करसोग के विभिन्न क्षेत्रों में 37 पटवार वृत कार्यालय के लिए लगभग 35 अंशकालीन कार्यकर्ता भर्ती किए गए, जिनको फरवरी के बाद अभी तक राजस्व विभाग द्वारा कोई मानदेय नहीं मिल पाया है। उन्हेंने कहा कि तहसील करसोग के अंतर्गत राजस्व विभाग में 30 अंशकालीन कार्यकर्ता तथा उपतहसील पांगणा में पांच कार्यकर्ता नियुक्त हुए, जिन्हें लगभग छह महीने से मानदेय भुगतान नहीं हुआ है। अनेकों अंशकालीन कार्यकताओं ने कहा कि कई सदस्य उधार से ही राशन आदि लेकर परिवार चला रहे हैं, परंतु  छह महीने से करसोग में किसी भी अंशकालीन कार्यकर्ता को राजस्व विभाग का मानदेय नहीं मिलने के कारण संबंधित परिवारों का चूल्हा व अन्य काम ठंडे होने की नौबत आ चुकी है, जबकि संबंधित वर्ग की गुहार पर कोई सुनवाई या अधिकारियों का आश्वासन नहीं मिल रहा है। इस बारे में उपमंडलाधिकारी हितेश आजाद ने कहा कि उन्होंने सोमवार को बतौर उपमंडलाधिकारी का कार्यभार संभाला है, मामला ध्यान में आते ही सुलझाने के प्रयास करते हुए जिला प्रशासन को भी अवगत करवाया जा रहा है।

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