जाम ले रहा भक्तों का इम्तिहान

By: Aug 1st, 2017 12:05 am

गगरेट  —  उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी में व्यवस्थाओं को लेकर मंदिर न्यास व प्रशासन के पास कोई पुख्ता योजना न होने का ही सबब है कि यहां आस्था के वशीभूत आने वाले श्रद्धालुओं को मां के चरणों में आकर भी सुकून से ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। महज मां चिंतपूर्णी के दरबार में लगने वाले मेलों के दौरान ही नहीं, बल्कि हर छुट्टी वाले दिन भी जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। कई बार तो जाम मुबारिकपुर कस्बे तक पहुंच जाता है, लेकिन मंदिर न्यास व प्रशासन अभी तक यहां वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था ही नहीं कर पाया है। काफी अरसा पहले सुंकाली-अमलैहड़-धलवाड़ी से होकर मां के भक्त पैदल ही मां चिंतपूर्णी के दरबार पहुंचते थे। हालांकि जब सड़कों का जाल बिछने लगा तो इस सड़क मार्ग को भी पक्का करने को तरजीह दी गई, लेकिन बीच में वन भूमि होने के कारण यह मार्ग पूरा नहीं बन पाया। इस सड़क मार्ग को वन विभाग की क्लीयरेंस ही नहीं मिल पाई है। ऐसे में जो लोग मां चिंतपूर्णी के नाम से बन रहे रेलवे स्टेशन पर उतरेंगे, वे सड़क मार्ग न होने के कारण परेशान न हों। अगर इस सड़क मार्ग का निर्माण कार्य हो जाता तो मां के दरबार ज्यादा भीड़ होने पर यहां वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था करके इस मार्ग से भी वाहनों को वापस भेजा जा सकता है। उससे इस मार्ग की जरूरत का एहसास भी बखूबी हुआ, लेकिन वन विभाग से अनुमति लेने के लिए शासन व प्रशासन भी कोई प्रयास करता नजर नहीं आ रहा है। श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है, उसे देखते हुए इस सड़क मार्ग का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए। पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता बीएस देहल का कहना है कि वन विभाग से अनुमति हासिल करने के लिए दोबारा केस तैयार कर वन विभाग को सबमिट किया गया है। वन विभाग की अनुमति मिलने के बाद ही निर्माण संभव हो पाएगा।

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