जीएसटी से मकान महंगे

By: Aug 18th, 2017 12:05 am

नरेडको का खुलासा, सेवा कर में छूट खत्म होने का असर

NEWSनई दिल्ली— देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद नए बनने वाले किफायती आवास के दाम बढ़ जाएंगे, जिससे सबसे ज्यादा मध्यम वर्ग प्रभावित होगा। निजी डिवेलपरों के संगठन राष्ट्रीय रियल इस्टेट विकास परिषद (नरेडको) के प्रेजिडेंट और ट्यूलिप इन्फ्राटेक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक प्रवीण जैन ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि पुरानी कर व्यवस्था में किफायती आवासों को सेवा कर से छूट मिली हुई थी। जीएसटी लागू होने के बाद यह छूट समाप्त हो जाने से किफायती आवास महंगे हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि सरकार वर्ष, 2022 तक सबके लिए अपना घर का नारा देते हुए देश में छह करोड़ नए किफायती आवास के निर्माण का लक्ष्य लेकर चल रही है। इनमें दो करोड़ घर शहरी और चार करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए जाने हैं। श्री जैन ने बताया कि जीएसटी से पहले वर्क कांट्रैक्ट टैक्स, सेवा कर और वैट समेत आम आवासों पर कर की कुल दर 10 से 11 प्रतिशत थी, जबकि सेवा कर में पांच प्रतिशत की छूट के कारण किफायती आवासों के लिए कुल दर पांच से छह प्रतिशत के बीच थी। उन्होंने कहा कि प्रीमियत इलाकों में जहां जमीन के दाम काफी ज्यादा हैं, वहां जीएसटी लागू होने के बाद मकान सस्ते होंगे, जबकि मध्यम स्तर के इलाकों में लगभग यथास्थिति बनी रहेगी।

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