डा. परमार के एक गलत फैसले ने छीन ली पेंशन

By: Aug 3rd, 2017 12:01 am

बैजनाथ –  पूर्व में स्व. डा. यशवंत सिंह परमार के एक दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय के चलते कर्मियों को पेंशन लाभ से वंचित होना पड़ा था। यह बात हिमाचल प्रदेश टूरिज्म डिपार्टमेंट एवं टूरिज्म डिवेलपमेंट कारपोरेशन के महासचिव पीसी भारद्वाज एवं प्रधान बृज भूषण लाल ने कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 1968-1975 के दौरान कुछ सरकारी विभागों का कारपोरेशन एवं व्यापारिक व औद्योगिक संस्थानों में विलय कर दिया था। इससे उन विभागों में कार्यरत कर्मियों को निष्कासित कर उन्हें पेंशन लाभ से वंचित कर दिया गया। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग एवं पर्यटन विकास निगम पूर्व एवं सेवारत कर्मचारी कल्याण संघ का कहना है कि पिछले चार दशकों से इन संस्थानों के कर्मचारी पेंशन लाभ से वंचित हैं, क्योंकि सरकार ने उनके संबंध में कोई विशेष नीति नहीं अपनाई। वहीं, कुछ कर्मचारी जो परिवहन निगम व बिजली बोर्ड में समाहित हुए, उन्हें पेंशन सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि डा. परमार जैसे नेता इस संदर्भ में विशेष नीति बनाने में कैसे विफल रहे, यह समझ से परे है।

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं ? भारत मैट्रीमोनी में निःशुल्क रजिस्टर करें !


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App