नोटबंदी पर सरकार पूरी तरह नाकाम

By: Aug 31st, 2017 12:08 am

आरबीआई की रिपोर्ट; 99 फीसदी नोट आए वापस, कालाधन निकालने के दावे खोखले

newsनई दिल्ली —  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा बुधवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट 2016-17  में नोटबंदी पर केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे कालाधन पकड़ने के दावों की पोल पूरी तरह से खुल गई है। रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के दौरान बैन किए गए 1000 रुपए के पुराने नोटों में से करीब 99 फीसदी बैंकिंग सिस्टम में वापस लौट आए हैं। 1000 रुपए के 8.9 करोड़ नोट (1.3 फीसदी) नहीं लौटे हैं। पिछले साल नवंबर में लागू की गई नोटबंदी के दौरान देश में प्रचलन में रहे 15.44 लाख करोड़ रुपए के प्रतिबंधित नोट में से 15.28 लाख करोड़ रुपए बैंकिंग सिस्टम में वापस लौट कर आ गए हैं। यानी नोटबंदी खोदा पहाड़, निकला चूहा साबित हुई है और नोटबंदी के जरिए कालेधन पर लगाम लगाने के सरकार के दावे खोखले साबित हुए हैं। रिजर्व बैंक ने कहा कि नोटबंदी के बाद नए नोटों की छपाई से वर्ष 2016-17 में नोटों की छपाई की लागत दोगुनी होकर 7965 करोड़ रुपए हो गई जो 2015-16 में 3421 करोड़ रुपए थी। नोटबंदी के बाद बैंकिंग सिस्टम में नोटों का सर्कुलेशन 20.2 फीसदी घटा है। इस साल सर्कुलेशन में नोटों की वैल्यू 13.1 लाख करोड़ है, जबकि पिछले साल (मार्च) यह 16.4 लाख करोड़ थी। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक बैंकिंग सिस्टम में मार्च 2017 तक 762072 नकली नोट पकड़े गए। सबसे बड़ी चिंता की बात 2000 और 500 रुपए के नए डिजाइन के भी नकली नोटों के सामने आने की है। आरबीआई के मुताबिक 2000 रुपए के नोट के नए डिजाइन के 638 और 500 रुपए के नए डिजाइन के 199 नकली नोट पकड़े गए। उधर, नोटबंदी के आंकड़े जारी होने के बाद केंद्र सरकार ने अपने कदम का बचाव किया है। सरकार के सूत्रों ने नोटबंदी की उपलब्धियां गिनवाई हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बार 55 लाख नए करदाता सिस्टम से जुड़े हैं। यह नोटबंदी की वजह से ही संभव हुआ है। सूत्रों ने कहा कि नोटबंदी के बाद दो लाख से अधिक फर्जी कंपनियां पकड़ी गई हैं।

ऐसे अर्थशास्त्री को मिले नोबेल

newsनई दिल्ली— पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सिर्फ एक फीसदी नोट ही वापस नहीं आए हैं। ऐसे में आरबीआई को शर्म करनी चाहिए कि उसने नोटबंदी का समर्थन किया। आरबीआई को 16 हजार करोड़ रुपए का फायदा तो हुआ पर उसे नए नोटों की छपाई पर 21 हजार करोड़ रुपए खर्च करने पड़े हैं। तंज कसते हुए पी चिदंबरम ने कहा कि ऐसे में यह फैसला लेने वाले अर्थशास्त्री को नोबल प्राइज मिलना चाहिए। चिदंबरम ने केंद्र पर सीधा हमला करते हुए कहा कि जब 99 प्रतिशत नोट कानूनी रूप से बदले गए तो क्या नोटबंदी कालेधन को सफेद करने की कोई योजना थी?

कालाधन निकालना मकसद ही नहीं था

newsनई दिल्ली— नोटबंदी के आंकड़ों पर विपक्ष के  हमलों को जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि टैक्स बेस बढ़ाने से लेकर टेरर फंडिंग रोकने तक नोटबंदी हर मोर्चे पर सफल रही। जेटली ने कहा कि नोटबंदी का प्रमुख उद्देश्य भारत की इकॉनोमी को कैश केंद्रित से डिजिटलाइजेशन की तरफ मोड़ना था। नोटबंदी का उद्देश्य कालेधन को जब्त करना नहीं था।

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