पतंजलि से सरकार करेगी एमओयू

By: Aug 27th, 2017 12:02 am

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बोले, जड़ी-बूटियों की खेती से कि सानों को मिलेगा लाभ

 देहरादून — मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित एक बैठक में पतंजलि संस्था के साथ प्रस्तावित सहयोग कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत तथा पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने विभागों को निर्देश दिए कि जिन बिंदुओं पर सहमति बनी है। उनके क्रियान्वयन हेतु सभी पक्षों पर विचार कर विस्तृत एमओयू तैयार कर अग्रिम कार्रवाई की जाए। उन्होंने जड़ी-बूटी उत्पादन विपणन को प्रोत्साहित करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की आवश्यकता बताई। जड़ी-बूटी खेती को किसानों के लिए लाभकारी बनाना होगा। जड़ी बूटियों के लिए बीज और नर्सरी उपलब्ध कराना जरूरी है। बैठक में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के शोधार्थियों हेतु पतंजलि द्वारा लैब सुविधाएं उपलब्ध कराने पर सहमति बनी। पतंजलि संस्था लैब कार्यों के लिए शीघ्र ही आइटमाइज्ड दरें उपलब्ध कराएगी, जो बाजार दरों से कम होंगी। दोनों परस्पर विनियम की शर्तें निर्धारित करते हुए गो-मूत्र एवं साइलेज का आदान प्रदान करेंगे। अगले तीन माह के लिए पशुपालन विभाग द्वारा 1073 मीट्रिक टन साइलेज की मांग की गई। इसके साथ ही चंपावत में नरियाल गांव में बद्री गाय संवर्द्धन योजना को भी पतंजलि द्वारा संचालित किया जाएगा। इसी प्रकार बंद पडे़ टूरिस्ट सेंटरों में से कुछ सेंटर पतंजलि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ले सकता है। पतंजलि संस्था द्वारा हरिद्वार जनपद के सभी आंगनबाड़ी कंद्रों पर हाईजीन सुविधाएं विकसित करने हेतु सहमति दी गई। बैठक में सहकारिता,  एरोमैटिक प्लांट, मधुमक्खी पालन, जड़ी-बूटी पादप डाक्यूमेंटेशन आदि विषयों पर भी चर्चा हुई। इस अवसर पर ओमप्रकाश, राधा रतूड़ी सहित  वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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