पशुपालकों को पशु पालन पर टिप्स
शिमला — दुधारू पशुओं के उचित रख-रखाव तथा वैज्ञानिक पद्धति से खिलाई-पिलाई कर अधिक दूध पाकर आर्थिक लाभ कमाएं। उक्त विचार सोमवार को यहां पांच दिवसीय प्रशिक्षण एवं शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम के समापन अवसर पर इस किन्नौर जिला के तीन ब्लॉक से आए किसानों और ग्रामीण महिलाओं को कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डा. दलीप गोसांई ने कहे। डा. गोसांई ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सूखे और हरे चारे की समस्या है और पशुपालक परिवारों से अपेक्षा है कि वे विशेष रूप से मक्की की फसलों और घास को सुखाकर ठंड के समय में पशुओं को खिलाने हेतु अपनाएं, जिससे उनके दुधारू पशुओं को उचित आहार मिलने पर लाभ मिलेगा। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि पशुओं की अच्छी सेहत के लिए उन्हें प्रचुर मात्रा में केटल फीड और खनिज लवण मिश्रण भी खिलाएं। डा. सत्यपाल ने आए हुए प्रशिक्षणार्थियों को दूधारू पशुओं की खिलाई-पिलाई तथा रख-रखाव पर भी अपने विचार रखे। मोहर सिंह तथा कुलवीर सिंह ने वैज्ञानिक पद्धति से पशुपालन ,हरा चारा उत्पादन और इसका संवर्द्धन पर चर्चा की। प्रशिक्षणार्थियों को संस्थान की पशुशाला तथा ग्रामीण परिवेश में श्रेष्ठ गउओं एवं भैसों का अवलोकन भी करवाया गया ।
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