बड़ी ताकतों में मतभेद आम

By: Aug 31st, 2017 12:05 am

चीन ने कहा; भारत के साथ करेंगे पूरा सहयोग, डोकलाम विवाद से सबक लेने की नसीहत

newsnewsबीजिंग— चीन ने कहा है कि दो बड़ी ताकतों में मतभेद होना सामान्य सी बात है। एशिया के दो बड़े देश भारत और चीन एक-दूसरे को सहयोग करने की क्षमता रखते हैं। बता दें कि नरेंद्र मोदी सितंबर के पहले हफ्ते में ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने चीन जाने वाले हैं। वहीं, 28 अगस्त को भारत-चीन के बीच 72 दिन चला सीमा विवाद हल हो गया। चीन डोकलाम से अपनी सेना वापस बुलाने पर राजी हो गया था। उसने इलाके में सड़क बनाने में लगे बुलडोजर भी वापस बुला लिए थे। खबर के मुताबिक चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि दो कद्दावर पड़ोसियों में विरोध का होना सामान्य सी बात है। अहम बात यह है कि हम समस्याओं को सही जगह पर उठाएं और आपसी बातचीत से हल करें। साथ ही एक-दूसरे का सम्मान करें। इसके लिए जरूरी होता है कि दोनों देशों के नेताओं में एकराय हो। भारत और चीन में काफी संभावनाएं हैं और दोनों देश एक-दूसरे को बेहतर तरीके से सहयोग कर सकते हैं। वहीं इससे पहले चीन के विदेश मंत्री ने कहा था कि डोकलाम में भारत और चीन के बीच 73 दिन से चला आ रहा गतिरोध भारत के सैनिक हटाए जाने के बाद खत्म हुआ, अब नई दिल्ली को इससे सबक सीखना चाहिए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकना चाहिए। वांग से जब पूछा गया कि भारत ने पेइंचिंग को चेहरा छिपाने का मौका दिया है तो वांग ने कहा कि मीडिया अपने कयास लगा सकता है और रिपोर्ट लिख सकता है, लेकिन चीन सरकार के पास मौजूद आधिकारिक सूचना के मुताबिक भारतीय सैनिक 28 अगस्त को दोपहर बाद क्षेत्र से हट गए, जिससे गतिरोध खत्म हो गया। यह मूल तथ्य है, हम उम्मीद करते हैं कि भारत इस घटना से सबक सीखेगा और इस तरह की घटनाओं को दोबारा होने से रोकेगा।

दस साल में टॉप पर होगा हिंदोस्तान

नई दिल्ली — दुनिया के प्रमुख पांच विकासशील देशों के समूह ब्रिक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की इनोवेटिव ग्रोथ रेट अगले एक दशक में चीन को पीछे को छोड़ सकती है। ब्रिक्स समूह में भारत के अलावा ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका देश शामिल हैं। ब्रिक्स नवोन्मेष प्रतिस्पर्धात्मकता रिपोर्ट-2017 में वर्ष 2016 के लिए राष्ट्रीय समग्र नवोन्मेष प्रतिस्पर्धात्मकता में चीन टॉप पर रहा है। चीन के बाद रूस, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और अंत में भारत मौजूद है। इस रिपोर्ट को चीन के साइंस एंड टेक्नोलॉजी एक्सचेंज सेंटर ने जारी किया है। खबर के अनुसार रिपोर्ट में अंदेशा जताया गया है कि 2025-2030 के बीच में इस मामले में भारत चीन को पीछे छोड़ देगा। गौरतलब है कि इस हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन में आयोजित ब्रिक्स की महत्त्वपूर्ण सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

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