मानसून में करिए पैरों की देखभाल

By: Aug 6th, 2017 12:12 am

शहनाज हुसैन ब्यूटी एक्सपर्ट

newsमानसून को रोमांस, हरियाली तथा आनंददायक सीजन के रूप में जाना जाता है। मानसून सीजन की सबसे बड़ी मार आपके पांव को झेलनी पड़ती है। जब कीचड़ से सने रास्तों, पानी से लबालब गलियों, आर्द्रता भरे ठंडे वातावरण तथा सीलन में चलने से जूते चिपचिपे हो जाते हैं तथा पांव से बदबूदार पसीना निकलना शुरू होता है जिससे पांव में दाद, खाज, खुजली तथा लाल चक्ते पड़ जाते हैं। मानसून के सीजन में पांवों की देखभाल की अत्यधिक आवश्यकता होती है।

आप कुछ साधारण सावधानियों तथा आयुर्वेदिक उपचारों से पांव तथा अंगुलियों के संक्रमण से होने वाले रोगों से बच सकते हैं।

* सुबह नहाती बार अपने पांवों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दीजिए। पांवों को धोने के बाद उन्हें अच्छी तरह सूखने दें तथा उसके बाद पांव तथा अंगुलियों के बीच टैल्कम पाउडर का छिड़काव करें। यदि आप बंद जूते पहनते हैं, तो जूतों के अंदर टैल्कम पाउडर का छिड़काव कीजिए।

* बरसात के मौसम के दौरान स्लीपर तथा खुले सैंडिल पहनना ज्यादा उपयोगी साबित होता है। क्योंकि इससे पांवों में हवा का अधिकतम संचालन होता है तथा पसीने को सूखने में भी मदद मिलती है, लेकिन खुले फुटवीयर की वजह से पांवों पर गंदगी तथा धूल जम जाती है, जिससे पांवों की स्वच्छता पर असर पड़ता है।

* दिन भर थकान के बाद घर पहुंचने पर ठंडे पानी में थोड़ा सा नमक डालकर पांवों को अच्छी तरह भिगोइए तथा उसके बाद पांवों को खुले स्थान में सूखने दीजिए।

* बरसात के गर्म तथा आर्द्रता भरे मौसम में पांवों की गीली त्वचा की वजह से ‘एथलीट फुट’ नामक बीमारी पांवों को घेर लेती है। यदि प्रारंभिक  तौर पर इसकी उपेक्षा की, तो यह पांवों में दाद, खाज, खुजली जैसी गंभीर परेशानियों का कारण बन जाती है।

* किसी भी सैलून में सप्ताह में एक बार पांवों की सफाई करवा लीजिए, इससे पांवों को आरामदेह तथा अच्छी स्थिति में रखने में मदद मिलेगी।

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