यूजीसी से हर साल मान्यता जरूरी

By: Aug 13th, 2017 12:02 am

डिस्टेंस मोड से चल रहे शिक्षण संस्थानों के लिए नए नियम

शिमला— डिस्टेंस मोड से चल रहे सभी शिक्षण संस्थानों को अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नए नियम पूरा करना अनिवार्य होगा। संस्थानों को नियमों के तहत सबसे पहले इस सत्र के लिए मान्यता की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके लिए आयोग की ओर से तय फॉर्मेट पर पहले संस्थानों को सारी जानकारी यूजीसी को मुहैया  करवानी होगी। एचपीयू के अंतरराष्ट्रीय दूरवर्ती एवं मुक्त शिक्षा अध्ययन केंद्र ने नए नियमों के तहत यह प्रक्रिया शुरू भी कर दी है। प्रशासन ने आयोग के तय फॉर्मेट पर ही इक्डोल से जुड़ी जानकारी अपलोड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आयोग की ओर से ओपन और डिस्टेंस लर्निंग मोड से चल रहे संस्थानों के लिए नए रेगुलेशन तैयार किए गए हैं। रेगुलेशन 2017 के आधार पर ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग विनियम तैयार किया है। इस विनियम के आधार पर संस्थानों को हर वर्ष मान्यता आयोग से प्राप्त करनी होगी। मान्यता मिलने के बाद ही संस्थान प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर सकेंगे। संस्थानों को आयोग द्वारा तय फॉर्मेट के आधार पर 23 सितंबर तक सारी जानकरी मुहैया करवानी होगी। इस प्रक्रिया को सात अगस्त से ही यूजीसी ने वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्मेट जारी कर शुरू कर दिया है। इक्डोल प्रशासन भी इसी तय फॉर्मेट के आधार पर सारी जानकारी आयोग को मुहैया करवा रहा है। जानकारी आयोग को देने के बाद इस बात का आकलन किया जाएगा कि संस्थान सभी नियमों के तहत चल रहे हैं या नहीं। ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग विनियम 2017 के तहत अब इक्डोल को केंद्र में चल रहे 20 फीसदी कोर्स को भी ऑनलाइन करना अनिवार्य होगा। ये कोर्स स्वयं पोर्टल से जोड़कर यूजीसी देश के छात्रों को पढ़ने के लिए ऑनलाइन मुहैया करवाएगा। इक्डोल के निदेशक प्रो.पीके वैद ने खबर की पुष्टि की है।

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